BPSC exam: बिहार के मुखिया ने पास की BPSC परीक्षा, राजनीति छोड़ कॉलेज में देंगे लेक्चर

सुपौल जिले के गांव भगवानपुर ग्राम पंचायत के मुखिया देवेंद्र दास BPSC TRE 2.0 परीक्षा पास कर ली है। उनका कहना है कि गांव के विकास के लिए हमने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीता। गांव में विकास करने के बाद अब शिक्षक बनकर बच्चों का भविष्य सुधारेंगे।

Updated On 2024-01-16 14:14:00 IST
मुखिया बने शिक्षक।

Bihar Chief Passes BPSC Exam: बिहार के सुपौल जिले में भगवानपुर ग्राम पंचायत के मुखिया देवेंद्र दास ने गांव के विकास के लिए सरपंच पद से इस्तीफा देकर शिक्षक बनने का फैसला लिया है। मुखिया हाल ही में हुए बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) TRE 2.0 का एग्जाम पास कर लिया है। अब मुखिया देवेंद्र दास 10+2  के शिक्षक बन गए हैं। मुखिया देवेंद्र दास की शुरू से सामाजिक कार्यों में रुचि रही है। वे पढ़ाई के दौरान ही गांव में बच्चों को पढ़ाया करते थे, मुखिया की गांव के विकास के प्रति सक्रियता को देखते हुए पहले पंचायत समिति फिर ग्राम पंचायत के मुखिया पद पर भारी मतों से जिताया। देवेन्द्र दास के शिक्षक बनने से ग्रामीणों में काफी खुशी है।

ग्राम पंचायत में मुखिया का पद अहम होता है इसके लिए चुनाव में लोग लाखों खर्च करते हैं और सरपंच बनते हैं। लेकिन देवेन्द्र दास का अभी तीन साल का कार्यकाल शेष है उसके बावजूद भी वे इस्तीफा देकर शिक्षक बनने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि शिक्षा की बदहाली को देखते हुए ये फैसला लिया है। देवेन्द्र दास ने यह भी बताया कि पंचायत समिति सदस्य और मुखिया रहते स्कूलों के निरीक्षण के दौरान शिक्षा की बदहाली स्थिति को देखकर मन दुखी हो जाता था। शिक्षा की खराब स्थिति को देखते हुए हमने टीचर बनकर शिक्षित करने का संकल्प लिया था। 

सहर्ष जिला पंचायती राज पदाधिकारी को देंगे इस्तीफा
देवेंद्र दास का इंटर स्तरीय माध्यमिक विद्यालय में पॉलिटिकल साइंस संकाय में शिक्षक पद पर चयन हुआ है। शनिवार 13 जनवरी को सुपौल के गांधी मैदान में जिला प्रशासन द्वारा देवेंद्र दास को नियुक्ति पत्र दिया गया है। मुखिया देवेन्द्र दास सहर्ष जिला पंचायती राज पदाधिकारी को इस्तीफा सौंपकर बच्चों के भविष्य को संवारने का कार्य करेंगे।

मिथिला यूनिवर्सिटी ने पढ़े हैं देवेंद्र दास
देवेंद्र दास ने वर्ष 2015 में बीएड किया। इसके बाद पॉलिटिकल साइंस में एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। पढ़ाई के दौरान ही गांव के एक स्कूल में प्राइवेट टीचर के रूप में पढ़ाना शुरू किया। उसी दौरान राजनीति में किस्मत आजमाई और सफल होकर गांव की सेवा करने का कार्य किया। अब शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सेवाएं देंगे।

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