Cyber ​​Fraud: बिहार में बैठकर देश भर के लोगों को ठगने वाले 36 साइबर फ्रॉड गिरफ्तार, जानिए कैसे खाते करते थे खाली

बिहार के गया में बैठकर देशभर के लोगों से ठगी करने वाले बड़े गिरोह को पुलिस ने दबोच लिया है। जालसाज सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर खाते खाली करते थे।

Updated On 2024-12-02 11:36:00 IST
Karnataka Cyber ​​​​Fraud

Cyber ​​Fraud: बिहार के गया में बैठकर देशभर के लोगों से ठगी करने वाले बड़े गिरोह को पुलिस ने दबोच लिया है। सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर खाते खाली करने वाले 17 महिलाओं सहित 36 साइबर ठगों को पुलिस ने रविवार (1 दिसंबर) को गिरफ्तार किया है। जालसाज मिर्जा गालिब कॉलेज में फ्रॉड कंपनी PAYNOL SOLUTIONS PRIVATE LIMTED चलाते थे। सिविल लाइंस पुलिस ने छापेमारी कार्रवाई कर जालसाजों के कब्जे से लैपटॉप और 36 मोबाइल बरामद किए हैं। पुलिस ने 20 नंबरों की जांच की तो पता चला कि इन नंबरों से साइबर ठगी है। पुलिस पकड़े गए ठगों से पूछताछ कर रही है।

सिलसिलेवार जानें ठगी का खेल 
गया में साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे थे। पुलिस से शिकायत हो रही थी। पीड़ितों की शिकायतों के बाद पुलिस ने जांच की तो पता चला कि गालिब कॉलेज के पास AEPS (Aadhaar Enabled Payment System) और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ देने के बहाने लोगों को ठगा जा रहा है। ठगी के मामलों को लेकर साइबर थाने की डीएसपी साक्षी राय ने विशेष टीम का गठन किया। टीम में रामपुर थाना, साइबर थाना और तकनीकी शाखा के पुलिस अधिकारी और कर्मियों को शामिल किया गया।

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फर्जी कंपनी चलाते थे 
पुलिस की विशेष टीम लगातार ठगों की तलाश में जुटी थी। पुलिस को सूचना मिली कि तीन मंजिला मकान में PAYNOL SOLUTIONS PRIVATE LIMTED कंपनी तीन वर्षों से चल रही है। कंपनी में बैठे लोग लोगों के खाते खाली कर रहे हैं। पुलिस ने रविवार को ऑफिस और कॉल सेंटर पर छापेमारी की। कंपनी के सीईओ निशांत कुमार से पूछताछ की गई तो पता चला कि दो और सहयोगी हैं। 

जांच में मिले ठगी के सबूत 
पुलिस ने कंपनी से जुड़े दस्तावेज मांगे तो किसी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। पुलिस ने कंपनी के ऑफिस में काम कर रहे सभी कर्मियों की तलाशी की। जांच में साइबर ठगी के सबूत मिले। पुलिस ने सभी 36 लोगों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए ठगों में 17 महिलाएं भी हैं। लैपटॉप और 36 मोबाइल भी जब्त किए हैं। 

कंपनी के नंबर से करते थे ठगी 
पुलिस ने पकड़े लोगों से पूछताछ की। शुरुआती जांच में पता चला है कि कंपनी चलाने वाले ठग लोगों को कंपनी के एप्लिकेशन या मोबाइल नंबर से फोन करते थे। सरकारी योजना का लाभ दिलाने का झांसा देकर फंसाते थे, फिर कंपनी का क्यूआर कोड कस्टमर को भेज कर पैसे मंगवाते थे। पैसे आते ही नंबर बंद कर देते थे। ठगों ने कितने लोगों से कितने पैसे ठगे हैं? पुलिस की जांच के बाद पूरी तस्वीर साफ होगी। 

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