बिहार को मिला बड़ा तोहफा: बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर और रेललाइन दोहरीकरण को मंजूरी
मोदी कैबिनेट ने बिहार को ₹7,616 करोड़ की दो बड़ी परियोजनाओं की सौगात दी है। मोकामा-मुंगेर हाईवे और भागलपुर-दुमका रेलवे लाइन का दोहरीकरण।
सौगात: मोकामा-मुंगेर हाई-स्पीड कॉरिडोर और भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेललाइन दोहरीकरण को मंजूरी।
Bihar Infrastructure News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार (10 सितंबर) को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में बिहार के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इनमें बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के मोकामा-मुंगेर सेक्शन का निर्माण और भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेललाइन दोहरीकरण शामिल है। इन परियोजनाओं पर ₹7,616 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है।
बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर
मोदी कैबिनेट ने बिहार में 82.4 किलोमीटर लंबे 4-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे निर्माण को मंजूरी दी है। बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के तहत बनने वाला हाइवे मोकामा से मुंगेर होते हुए भागलपुर तक पहुंचेगा। इस पर कुल ₹4,447.38 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। इसे हाइब्रिड एन्युइटी मोड (HAM) के तहत बनाया जाएगा।
मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड हाईवे के फायदे
मोकामा-मुंगेर ग्रीनफील्ड हाईवे बनने से यात्रा में करीब 1 घंटे की बचत होगी। मुंगेर, जमालपुर, बड़हिया, लखीसराय और भागलपुर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों को भी इससे फायदा होगा। आयुध निर्माणी, लोकोमोटिव वर्कशॉप, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और भागलपुरी सिल्क उद्योग को मिलेगा नया इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट
भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेललाइन दोहरीकरण
केंद्रीय कैबिनेट ने बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली भागलपुर-दुमका-राममुपरहाट रेललाइन के 177 किमी रेलखंड के दोहरीकरण को मंजूरी दी है। इसमें करीब ₹3,169 करोड़ का बजट खर्च होने का अनुमान है।
भागलपुर-दुमका-राममुपरहाट रेललाइन डबलिंग के फायदे
भागलपुर-दुमका-राममुपरहाट रेललाइन डबलिंग से मालगाड़ी और यात्री ट्रेनों की रफ्तार और संख्या में बढ़ोतरी होगी। तीन राज्यों के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा। साथ ही क्षेत्रीय व्यापार और औद्योगिक विकास को मिलेगा रफ्तार मिलेगी।
इन परियोजनाओं से क्या बदलेगा बिहार में?
इन दोनों परियोजनाओं से पूर्वी बिहार नए औद्योगिक हब के रूप में विकसित होगा। सड़क और रेल नेटवर्क मजबूत होने से रोजगार के नए अवसर, लॉजिस्टिक्स का विकास और स्थानीय उत्पादों की बाजार तक पहुंच आसान होगी।