Ashes 2025: ग्लेन मैक्ग्रा एशेज कमेंट्री पैनल से आउट, बेटिंग ऐप के चक्कर में नपे

Ashes 2025: ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ग्लेन मैक्ग्रा को बेट365 से जुड़ने के कारण एबीसी ने एशेज कमेंट्री टीम से हटा दिया। ABC के सख्त नियम है कि किसी भी कॉमेंटेटर का सट्टेबाजी कंपनियों से कोई संबंध नहीं हो सकता।

Updated On 2025-11-19 13:23:00 IST

ग्लेन मैक्ग्रा को बेट365 से जुड़ने के कारण एबीसी ने एशेज कमेंट्री टीम से हटाया। 

Ashes 2025: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा इस बार एशेज सीरीज़ में ABC की कमेंट्री टीम का हिस्सा नहीं होंगे। नेशनल ब्रॉडकास्टर ABC ने यह फैसला तब लिया जब उन्हें पता चला कि मैक्ग्रा जल्द ही दुनिया की बड़ी बेटिंग कंपनियों में से एक Bet365 के साथ एक कमर्शियल पार्टनरशिप करने जा रहे।

मैक्ग्रा का नाम पहले से ही एबीसी की एशेज कवरेज टीम में विज्ञापित किया जा चुका था लेकिन जैसे ही उनकी मैनेजमेंट टीम ने प्रसारक को नए एंडोर्समेंट की जानकारी दी, ABC ने नियमों के अनुसार उन्हें तुरंत टीम से बाहर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के नेशनल ब्रॉडकास्टर का साफ नियम है कि उसके किसी भी प्रस्तोता या कॉमेंटेटर का सट्टेबाजी या बेटिंग कंपनियों से कोई नाता नहीं होना चाहिए, चाहे वे न्यूज़ में हों या स्पोर्ट्स में।

ABC ने एक बयान में इस निर्णय की पुष्टि करते हुए कहा, 'हमने आपसी सहमति से तय किया है कि ग्लेन इस समर हमारी कवरेज का हिस्सा नहीं होंगे। हम उम्मीद करते हैं कि वे ग्राउंड पर मिलेंगे और भविष्य में साथ काम करने की संभावना बनी रहेगी।' इस सीरीज़ में ABC की कमेंट्री टीम की अगुवाई जिम मैक्सवेल और कॉर्बिन मिडलमास कर रहे हैं। ग्लेन मैक्ग्रा और Bet365 ने इस मामले पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

2022 में भी हुआ था विवाद

यह मामला बिल्कुल नया नहीं है। 2022 में पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने भी ABC छोड़ दिया था, क्योंकि उन्होंने अपने बेटिंग पार्टनरशिप को बनाए रखने का फैसला किया था। उस समय जॉनसन ने ABC की आलोचना करते हुए कहा था कि क्या कॉमेंटेटरों को ABC के नैतिक मूल्यों से मेल खाना ज़रूरी है?

स्पोर्ट्स-बेटिंग को लेकर देश में बढ़ी बहस

ऑस्ट्रेलिया में बेटिंग कंपनियों द्वारा खिलाड़ियों को विज्ञापन अभियानों में शामिल करने पर पहले से ही बहस तेज है। 2023 में दिवंगत सांसद पीटा मर्फी की अध्यक्षता वाली एक संसदीय समिति ने चेतावनी दी थी कि मशहूर खिलाड़ियों का इस्तेमाल जनता में जुए के जोखिम को कम आंक देता है।

इसी बीच, टेस्ट ओपनर उस्मान ख्वाजा भी हाल ही में कह चुके हैं कि सरकार स्पोर्ट्स-बेटिंग विज्ञापनों को रोकने में बहुत धीमी है। उनका कहना है कि खेल और सट्टेबाजी का लगातार जुड़ना एक खतरनाक माहौल पैदा करता है। मैक्ग्रा का बाहर होना इसी चलती बहस का ताज़ा उदाहरण है, जो दिखाता है कि खेल और बेटिंग कंपनियों के रिश्ते कितने विवादित होते जा रहे हैं।

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