BCCI Rule: 'खिलाड़ी छुट्टी मनाने नहीं जा रहे..' BCCI के फरमान पर गंभीर की दो टूक, कोहली कर चुके आलोचना

Gautam Gambhir on bcci diktat on family: बीसीसीआई ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाद विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के साथ परिवार के समय को 14 दिन तक सीमित किया था। तब विराट कोहली ने इस फरमान की आलोचना की थी लेकिन अब हेड कोच गौतम गंभीर ने इसका समर्थन किया है।

Updated On 2025-07-11 09:56:00 IST

गौतम गंभीर ने बीसीसीआई के फैमिली रूल का समर्थन किया है। 

Gautam Gambhir on bcci diktat on family: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने आखिरकार बीसीसीआई के उस फैसले पर चुप्पी तोड़ी, जिसमें विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के साथ उनके परिवार की मौजूदगी को सीमित किया गया है। भारत के पिछले साल ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी गंवाने के बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए नई गाइडलाइन जारी की थी, जिसके तहत 45 दिन या उससे ज्यादा लंबे विदेशी दौरे में खिलाड़ियों के परिवार सिर्फ 14 दिन तक उनके साथ रह सकते हैं।

इस फैसले की विराट कोहली ने कड़ी आलोचना की थी। वहीं, टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने इस पर अपनी बात रखते हुए कहा कि खिलाड़ी ये समझें कि वे किसी छुट्टी पर नहीं, बल्कि उनका मकसद देश का नाम रोशन करना है।

खिलाड़ियों को पता होना चाहिए वो छुट्टी पर नहीं: गंभीर

गंभीर ने चेतेश्वर पुजारा के साथ स्काय स्पोर्ट्स पर हुई बातचीत में कहा,'परिवार ज़रूरी हैं लेकिन आपको समझना होगा कि आप यहां छुट्टी मनाने नहीं आए। आप यहां एक बहुत बड़े मकसद के लिए हैं। आपको देश के लिए खेलने का मौका मिला है और फोकस सिर्फ उसी पर होना चाहिए।'

'परिवार साथ रखने के खिलाफ नहीं हूं'

उन्होंने आगे कहा,'अगर आपका पूरा ध्यान अपने लक्ष्य और जिम्मेदारी पर है तो बाकी चीज़ें पीछे हो जाती हैं। मैं परिवार रखने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन देश के लिए खेलने का सपना ही सबसे बड़ा होना चाहिए।'

वहीं दूसरी ओर, विराट कोहली ने इस नियम पर नाराज़गी जताई थी। उन्होंने बीसीसीआई की इस गाइडलाइन पर कहा था, 'जब भी मैदान से लौटकर परिवार के पास जाता हूं तो वो मुझे ज़मीन पर टिकाए रखते हैं। ये चीज़ कोई बाहरी नहीं समझ सकता। मैं निराश हूं कि परिवारों को इस तरह बातचीत में घसीटा जाता है और उनसे दूरी बनाने की बात होती है।'

गंभीर और कोहली की इस मतभेद से क्रिकेट जगत में नई बहस छिड़ गई है कि विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों के परिवार की उपस्थिति जरूरी है या नहीं। टीम इंडिया के लिए यह साफ संकेत है कि अब ड्रेसिंग रूम में अनुशासन और पेशेवर सोच को तरजीह दी जा रही।

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