Vaibhav Suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी को अचानक आया BCCI से फोन, बंद कमरे में स्पेशल ट्रेनिंग, टीम इंडिया दूर नहीं?
Vaibhav Suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी महज 14 साल के हैं। इसी उम्र में आईपीएल डेब्यू के साथ ही इंग्लैंड दौरा कर चुके हैं। बीसीसीआई की उनपर नजर है, इसलिए एनसीए में इस खिलाड़ी की स्पेशल ट्रेनिंग हो रही।
vaibhav suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी ने अब सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में शतक ठोका है।
Vaibhav Suryavanshi: वैभव सूर्यवंशी ने महज कुछ महीनों में भारतीय क्रिकेट में छा गए हैं। 14 साल की उम्र में आईपीएल डेब्यू और फिर धमाकेदार शतक। इसके बाद इंग्लैंड में हुई अंडर-19 सीरीज में भी शानदार प्रदर्शन। घर लौटते ही वे राजस्थान रॉयल्स के स्पेशल ट्रेनिंग कैंप में शामिल हुए और फिर अचानक 10 अगस्त को बीसीसीआई का कॉल आने के बाद सीधे बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी (NCA) पहुंच गए।
माईखेल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैभव यहां बीसीसीआई के स्पेशल ट्रेनिंग प्रोग्राम में हिस्सा ले रहे। इसमें उन्हें टेक्निकल ड्रिल्स के साथ मैच-सिचुएशन की प्रैक्टिस भी कराई जाएगी। उनके बचपन के कोच मनीष ओझा के मुताबिक, बोर्ड पहले से ही उन्हें भविष्य के लिए तैयार कर रहा, ताकि सीनियर खिलाड़ियों के रिटायर होने के बाद टीम में कोई कमी न रहे।
बीसीसीआई का खास प्लान
ओझा ने कहा, 'बीसीसीआई आगे की सोच रहा। सीनियर खिलाड़ी धीरे-धीरे रिटायर हो रहे, ऐसे में अगली पीढ़ी को पूरी तरह तैयार करना ज़रूरी है। हम एक-एक लड़के को चुनते हैं और इंटरनेशनल क्रिकेट की मांग के मुताबिक तैयार करते हैं।'
कोहली-रोहित पर अटकलों के बीच वैभव पर नज़र
वैभव को लेकर यह काम उस समय हो रहा है जब विराट कोहली और रोहित शर्मा के भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हैं। ‘दैनिक जागरण’ की एक रिपोर्ट में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया दौरा दोनों दिग्गजों का आखिरी इंटरनेशनल टूर हो सकता है और उनकी ODI में वापसी 2027 वर्ल्ड कप तक उनकी घरेलू फॉर्म पर निर्भर करेगी। हालांकि, बीसीसीआई के एक अधिकारी ने PTI को बताया कि फिलहाल फोकस एशिया कप और अगले साल के टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी पर है और ऐसे बड़े फैसले जल्दबाज़ी में नहीं लिए जाएंगे।
लंबे फॉर्मेट में सुधार लक्ष्य
वैभव का यह बेंगलुरु कैंप सिर्फ एक हफ्ते का होगा, जिसके बाद वे फिर से इंडिया अंडर-19 कैंप से जुड़ेंगे। ओझा का कहना है कि अब उनका अगला लक्ष्य लंबे फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करना है।
ओझा ने कहा, 'वो पहले ही गेंद से अटैक करने की क्षमता रखते हैं, जो T20 और वनडे में उनकी सबसे बड़ी ताकत है। IPL, U-19 और विजय हजारे में आपने यह देखा है। लेकिन लंबे फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन व्हाइट-बॉल क्रिकेट की तुलना में थोड़ा गिर जाता है। अब मकसद यही है कि अगर 10 पारियां खेलें, तो 7-8 में असरदार प्रदर्शन हो।'
वैभव की प्रतिभा और शुरुआती उम्र में मिला यह मौका उनके करियर को नई दिशा दे सकता है। क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर वह लगातार सुधार करते रहे तो आने वाले सालों में टीम इंडिया का बड़ा नाम बन सकते हैं।