NAMO AFTER 6 MONTHS: ''मेक इन इंडिया'', आर्थिक गति तेज करने की एक नई मुहिम
वर्तमान में देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का योगदान 15 प्रतिशत है।;

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ (MAKE IN INDIA) अर्थात ‘भारत में निर्माण’ योजना की शुरुआत नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 25 सितंबर 2014 को की। इस कार्यक्रम में देश के उद्योगपतियों के साथ ही विदेशी कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना के साथ ही 'मेक इन इंडिया' की वेबसाइट makeinindia.com और उसका ‘लोगो’ भी लॉन्च किया। ताकि हर आम जन इस अभियान से सीधे अपने आप को जुड़ा महसूस कर सके।
क्या है मेक इन इंडिया का विजन-
वर्तमान में देश के सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण का योगदान 15 प्रतिशत है। इस अभियान का लक्ष्य एशिया के अन्य विकासशील देशों की तरह इस योगदान को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना है। इस प्रक्रिया में सरकार को उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा रोजगार उत्पन्न होगा, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित होगा और भारत को विनिमार्ण केंद्र में तब्दील किया जा सकेगा।
मेक इन इंडिया अभियान का ‘लोगो’ एक खूबसूरत शेर है जो अशोक चक्र से प्रेरित है और भारत की हर क्षेत्र में सफलता दर्शाता है। यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सन् 1916 में जन्में प्रसिद्ध देशभक्त, दार्शनिक और राजनीतिक व्यक्तित्व पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों चाहते हैं मेक इन इंडिया?
प्रधानमंत्री ने इस अभियान से जुड़े सभी लोगों को, खासकर उद्यमियों और कंपनियों को बुलाया और उन्हें आगे आने और भारतीय नागरिक के रुप में ‘फस्र्ट डेवलेपिंग इंडिया’ के माध्यम से अपने कर्तव्यों का पालन करने और निवेशकों को देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने यह भी वादा किया कि प्रशासन निवेशकों को भारत में एक सुखद अनुभव देगा और उनकी सरकार देश के समग्र विकास को विश्वास की वस्तु के तौर पर लेगी ना कि राजनीतिक एजेंडे की तरह। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ को बेहतर बनाने के लिए ‘डिजिटल इंडिया’ की भी मजबूत नींव रखी। उन्होंने रोजगार पैदा करने और गरीबी हटाने पर भी जोर दिया जिससे इस अभियान को सफलता मिल सके।
नीचे की स्लाइड्स में पढ़िए, किस क्षेत्र पर किया जाएगा फोकस-
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