राहुल गांधी के कोलंबिया बयान पर BJP का तीखा प्रहार: लोकतंत्र और भारत-चीन पर सवाल

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में भारत के लोकतंत्र और चीन पर बयान दिए। BJP ने इसे 'देश विरोधी' करार देते हुए कड़ा हमला बोला। जानें पूरा विवाद।

Updated On 2025-10-02 20:15:00 IST

राहुल गांधी के कोलंबिया बयान पर BJP का पलटवार।

BJP Attack Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कोलंबिया के ईआईए विश्वविद्यालय में एक संवाद कार्यक्रम के दौरान भारत के लोकतंत्र और विदेश नीति पर महत्वपूर्ण बयान दिए। उन्होंने कहा कि भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा 'लोकतंत्र पर हमला' है।

राहुल गांधी का बयान

राहुल ने जोर देकर कहा, "भारत में अनेक धर्म, परंपराएं और भाषाएं हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था इन्हें एकजुट रखती है, लेकिन वर्तमान में हर तरफ से लोकतंत्र पर हमले हो रहे हैं।" इसके अलावा, उन्होंने भारत-चीन संबंधों पर भी टिप्पणी की, जिसमें चीन की कुछ नीतियों की तारीफ करने के रूप में देखा गया। ये बयान सोशल मीडिया और राजनीतिक हलकों में तेजी से वायरल हो गए, जिसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कड़ा रुख अपनाया।

भाजपा का पलटवार

BJP ने राहुल के विदेशी मंच से दिए बयानों को 'देश के खिलाफ' करार देते हुए तीखा हमला बोला। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, "राहुल गांधी विदेश में हैं। विजयादशमी के पावन अवसर पर देशवासियों को बधाई देने के बजाय वे भारत के खिलाफ बोल रहे हैं। उन्हें देश-विरोधी बयान देने की आदत हो गई है। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठे आरोप लगाते हैं और बेबुनियाद बातें फैलाते हैं। विदेश में कहते हैं कि भारत में लोकतंत्र नहीं है, वहीं चीन की तारीफ करते हैं। यह उनका चीन प्रेम साफ दिखाता है।"

प्रसाद ने याद दिलाया कि भारतीय लोकतंत्र दुनिया का सबसे मजबूत लोकतंत्र है, जहां 140 करोड़ लोग स्वतंत्र रूप से मतदान करते हैं।BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कांग्रेस और राहुल पर और भी सख्ती से निशाना साधा। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी भारतीय लोकतंत्र के खिलाफ हैं और भारत की प्रगति से नफरत करते हैं। ऐसा बयान तो वही व्यक्ति दे सकता है, जो देश की तरक्की नहीं देखना चाहता।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो चार ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की ओर अग्रसर है। लेकिन राहुल गांधी इसे पसंद नहीं करते। वे टुकड़े-टुकड़े गैंग के नेता हैं और अब विदेशी शक्तियों के हाथों का पुतला बन चुके हैं, जो भारत को कमजोर देखना चाहती हैं।"

भंडारी ने सवाल उठाया कि कांग्रेस अगर सत्ता से बाहर है, तो इसका मतलब लोकतंत्र कमजोर होना नहीं। उन्होंने तंज कसा, "राहुल ने भारतीय वोटरों की ताकत देखी है। यही वोटर 65 साल तक कांग्रेस को सत्ता देते रहे, लेकिन अब 11 साल से गांधी-वाड्रा परिवार को दूर रखा है। राहुल विपक्ष के नेता नहीं, बल्कि भारत के खिलाफ हैं।"

इसी क्रम में BJP प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल को 'दुष्प्रचार के नेता' कहा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "राहुल गांधी एक बार फिर विदेश जाकर भारतीय लोकतंत्र पर हमला कर रहे हैं। वे अमेरिका-ब्रिटेन से हमारे आंतरिक मामलों में दखल मांगते हैं। आखिर वे भारतीय राज्य से क्यों लड़ना चाहते हैं? यह उनकी पुरानी आदत है।" पूनावाला ने राहुल के बयानों को 'राजनीतिक साजिश' करार दिया, जो देश की एकता को कमजोर करने का प्रयास है।

कांग्रेस ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल का बयान लोकतंत्र की रक्षा के लिए था, न कि किसी के खिलाफ। पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाते ने कहा, "राहुल ने सच्चाई बोली है। भारत का लोकतंत्र खतरे में है, और इसे बचाना हमारी जिम्मेदारी है। BJP के हमले उनकी असुरक्षा दिखाते हैं।" राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों से पहले दोनों दलों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है। राहुल के बयान ने न केवल घरेलू राजनीति को गरमा दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है।

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