भारत-रूस शिखर सम्मेलन: यूक्रेन जंग पर PM मोदी बोले- ‘भारत न्यूट्रल नहीं, शांति का पक्षधर है", जानिए पुतिन ने क्या कहा
नई दिल्ली में मोदी-पुतिन की 23वीं भारत-रूस शिखर वार्ता शुरू। 25 से अधिक समझौतों पर चर्चा। यूक्रेन जंग पर पीएम मोदी बोले- भारत शांति का पक्षधर है।
मोदी-पुतिन शिखर वार्ता: यूक्रेन पर मोदी का स्पष्ट संदेश, कहा- "भारत न्यूट्रल नहीं"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता शुरू हुई। दोनों नेताओं के बीच पहले एकांत में बातचीत हुई, इसके बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता शुरू हुई। इस दौरान 25 से अधिक समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
यूक्रेन मुद्दे पर मोदी का स्पष्ट बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“हम न्यूट्रल नहीं हैं। भारत शांति के पक्ष में है। यह समय युद्ध का नहीं है। दुनिया को एक बार फिर शांति की जरूरत है। भारत शांति की हर कोशिश का समर्थन करता है और उसके साथ खड़ा है।”
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा:
"सबसे पहले, मुझे बुलाने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। यूक्रेन की मौजूदा स्थिति को लेकर मैं बहुत सारे तथ्य और विवरण साझा कर सकता हूं। रूस भी शांति चाहता है। इस दिशा में हम अमेरिका सहित कुछ साझेदार देशों के साथ एक संभावित शांतिपूर्ण समझौते पर चर्चा कर रहे हैं। इस मुद्दे पर आपके व्यक्तिगत ध्यान और प्रयासों की हम सचमुच सराहना करते हैं।
पिछले कुछ वर्षों में आपने भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है। हम हाई-टेक विमान, अंतरिक्ष अन्वेषण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित कई नए क्षेत्रों में सहयोग को और विस्तार दे रहे हैं।”
25 साल पुराने रिश्ते की याद
पीएम मोदी ने पुतिन की इस भारत यात्रा को ऐतिहासिक बताते हुए कहा,
“आपकी यह यात्रा बहुत खास है। साल 2001 में जब आपने राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला और पहली बार भारत आए, तब से आज 25 साल पूरे हो गए। उसी पहली यात्रा में हमने भारत-रूस सामरिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी थी। व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे खुशी है कि हमारे निजी रिश्ते भी 25 वर्ष पूरे कर चुके हैं। आपने जो दूरदर्शिता दिखाई, उसका सबसे शानदार उदाहरण भारत-रूस संबंध हैं।”
मोदी ने आगे कहा,
“यूक्रेन संकट के बाद हमारी निरंतर बातचीत होती रही है। एक सच्चे मित्र की तरह आपने हमें हर स्थिति से अवगत कराया। यह विश्वास हमारी सबसे बड़ी ताकत है। मैंने बार-बार कहा है कि विश्व का कल्याण केवल शांति के मार्ग पर ही संभव है। पिछले दिनों जो शांति प्रयास चल रहे हैं, मुझे पूरा विश्वास है कि विश्व फिर शांति की राह पर लौटेगा।”
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन का आज सुबह राष्ट्रपति भवन में 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत हुआ। इसके बाद वे राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग को नई ऊंचाई देने पर आज व्यापक चर्चा हो रही है। यह शिखर वार्ता भारत-रूस विशेष सामरिक साझेदारी के 25वें साल में और मजबूती का संदेश दे रही है।