putin india visit 2025: PM मोदी बोले- पुतिन का भारत में स्वागत कर खुशी हुई, रूस-भारत की दोस्त पर कही ये बात

PM मोदी ने X पर लिखा कि वे राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत कर बेहद खुश हैं। आज और कल होने वाली विस्तृत वार्ता को दोनों देश महत्वपूर्ण मान रहे हैं।

Updated On 2025-12-04 22:18:00 IST

PM मोदी ने X पर लिखा कि वे राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत कर बेहद खुश हैं।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पालम तकनीकी हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी भरा स्वागत किया और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया। इसके बाद दोनों एक ही कार में सवार होकर प्रधानमंत्री आवास, 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स पर लिखा, “अपने मित्र रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत में हार्दिक स्वागत करके बहुत खुशी हुई। गुरुवार शाम और शुक्रवार को हमारी विस्तृत वार्ता का इंतजार है। भारत-रूस की मित्रता सदियों पुरानी और समय की कसौटी पर खरी उतरी है, जिससे दोनों देशों के लोगों को अपार लाभ हुआ है।”

एयरपोर्ट पर रूसी राष्ट्रपति के सम्मान में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति दी गई, जिसकी पुतिन ने खूब सराहना की। पूरी दिल्ली में स्वागत के बैनर और होर्डिंग्स लगे दिखे, जो दोनों देशों के गहरे कूटनीतिक रिश्तों को रेखांकित करते हैं।


शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में पुतिन का औपचारिक स्वागत होगा, इसके बाद वह राजघाट जाकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। दिन में हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय शिखर वार्ता होगी।

गुरुवार रात प्रधानमंत्री मोदी अपने आवास पर पुतिन के लिए निजी डिनर की मेजबानी करेंगे। यह डिनर पिछले साल पुतिन द्वारा मॉस्को में मोदी की मेजबानी का जवाबी सम्मान है। रूसी सहयोगी यूरी उशाकोव ने बताया कि यह अनौपचारिक डिनर यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होगा, जिसमें दोनों नेता बिना किसी एजेंडे के खुलकर द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक स्थिति पर चर्चा करेंगे।

यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा, रक्षा, परमाणु सहयोग और निवेश जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे। विशेष रूप से 2030 तक द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को नए स्तर पर ले जाने की रूपरेखा पर विस्तृत बातचीत होगी।

पुतिन की यह भारत यात्रा दोनों देशों की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

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