NIA का बड़ा खुलासा: पाकिस्तान में रची गई पहलगाम आतंकी हमले की साजिश, लश्कर कमांडर साजिद जट्ट मुख्य आरोपी

NIA ने पहलगाम आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा और TRF की भूमिका उजागर करते हुए 7 आरोपियों के खिलाफ 1597 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। हमले में 26 लोगों की गई थी जान।

Updated On 2025-12-15 23:03:00 IST

22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले में NIA ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा और TRF की साजिश उजागर की। 7 आरोपियों पर 1597 पन्नों की चार्जशीट।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। इस हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और उसके प्रॉक्सी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की भूमिका को उजागर करते हुए एनआईए ने सात आरोपियों के खिलाफ जम्मू की विशेष एनआईए अदालत में 1,597 पन्नों की विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है।

इस चार्जशीट में प्रतिबंधित आतंकी संगह लश्कर-ए-तैयबा और TRF को कानूनी इकाई के रूप में नामजद किया गया है, जो हमले की योजना बनाने, सुविधा प्रदान करने और उसे अंजाम देने में मुख्य रूप से शामिल थे। जांच से पता चला है कि यह हमला धर्म के आधार पर लक्षित हत्याओं का हिस्सा था, जिसमें बैसारन घाटी में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय नागरिक सहित कुल 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। आतंकियों ने पर्यटकों की धार्मिक पहचान पूछकर उन्हें निशाना बनाया था।

ऑपरेशन 'महादेव'

एनआईए ने पाकिस्तानी हैंडलर और लश्कर के कुख्यात कमांडर साजिद जट्ट (उर्फ हबीबुल्लाह मलिक) को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया है, जो कई अन्य हमलों में भी शामिल रहा है। इसके अलावा, तीन पाकिस्तानी आतंकियों को भी आरोपी बनाया गया है, जिन्हें जुलाई 2025 में श्रीनगर के दाचीगाम क्षेत्र में सुरक्षा बलों के संयुक्त ऑपरेशन 'महादेव' में मार गिराया गया था। इनकी पहचान फैसल जट्ट उर्फ सुलेमान शाह, हबीब ताहिर उर्फ जिब्रान और हमजा अफगानी के रूप में हुई है। ये आतंकी हमले के बाद जंगलों में छिपे हुए थे और उनके पास से बरामद हथियार तथा अन्य सामग्री हमले से जुड़ी हुई पाई गई।


चार्जशीट में दो स्थानीय आरोपियों परवेज अहमद जोथड़ और बशीर अहमद जोथड़ को भी शामिल किया गया है, जिन्हें 22 जून 2025 को गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों हमले के बाद आतंकियों को पनाह देने, भोजन और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान करने के दोषी पाए गए। पूछताछ में इन्होंने आतंकियों की पहचान और पाकिस्तानी नागरिकता की पुष्टि की थी।

एनआईए ने आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, आर्म्स एक्ट 1959 और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) 1967 की विभिन्न धाराओं के अलावा भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गंभीर धाराएं लगाई हैं। लगभग आठ महीने की गहन वैज्ञानिक जांच से स्पष्ट हुआ कि साजिश की जड़ें पाकिस्तान में हैं, जो लगातार भारत के खिलाफ आतंकवाद को प्रायोजित करता रहा है।

'ऑपरेशन सिंदूर'

यह हमला कश्मीर में पर्यटन को निशाना बनाकर सामान्य स्थिति को बाधित करने की आतंकी रणनीति का हिस्सा था। इसके जवाब में भारतीय सुरक्षा बलों ने मई 2025 में 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाकर पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े सैकड़ों आतंकी मारे गए थे। 

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