Chandigarh Mayoral Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- रिटर्निंग अफसर पर मुकदमा चले, HC में जमा बैलट पेपर किया तलब

Chandigarh Mayoral Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

Updated On 2024-02-19 16:55:00 IST
Chandigarh mayoral election

Chandigarh Mayoral Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कथित धांधली को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मतपत्रों को कथित रूप से विकृत करने के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उन्होंने हाईकोर्ट में जमा बैलट पेपर तलब किए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बैलट पेपर देखने के बाद आगे का फैसला होगा। कल, 20 फरवरी को फिर सुनवाई होगी। अदालत ने अनिल मसीह को कल भी सुप्रीम कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया है। 

आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे?
सुप्रीम कोर्ट ने रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह से पूछा कि आप कैमरे की तरफ क्यों देख रहे थे?, बैलट पेपर पर सिग्नेचर बनाने की क्या जरूरत थी? कितने पेपर पर आपने निशान बनाए? इस पवर निर्वाचन अधिकारी मसीह ने जवाब दिया कि मुझे बैलट पेपर हस्ताक्षर करना था, जो  पेपर खराब थे, उन्हें मुझे अलग करने थे। आम आदमी पार्टी के पार्षद हंगामा कर रहे थे। वे बार-बार कैमरा कैमरा चिल्ला रहे थे। इसलिए कैमरे की तरफ देखा था। 

नए सिरे से होगा चुनाव या कुछ और, कल होगा फैसला
आप के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जो गुमराह करने वाली प्रक्रिया चल रही है वह एक गंभीर मामला है। अदालत ने मंगलवार को बैलट पेपर को जांच के लिए अपने पास लाने को कहा है। सुनवाई के शुरुआत में यह प्रस्ताव दिया गया कि  नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय वोटों की गिनती नए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि वह मतपत्रों की जांच के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगी।

4 वोटों से हारा था आप का उम्मीदवार
30 जनवरी को मेयर चुनाव की गिनती के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था। जिससे आप के उम्मीदवार भाजपा के मनोज सोनकर से चार वोटों के अंतर से हार गए थे। आप ने दावा किया था कि भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्य अनिल मसीह ने जानबूझकर वोटों को अवैध कर दिया था।

मसीह द्वारा कैमरे को देखते हुए कुछ AAP पार्षदों के मतपत्रों पर लिखते हुए एक वीडियो सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने 5 फरवरी को सुनवाई के दौरान उनकी कार्रवाई को लोकतंत्र का मजाक बताया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि भाजपा के मनोज सोनकर ने एक दिन पहले मेयर पद से इस्तीफा दे दिया और फिर रिटर्निंग अफसर मसीह को आगे आकर कुछ सवालों के जवाब देने के लिए कहा।

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