एस जयशंकर का सीमा विवाद पर बयान: बोले- LAC पर चीनी सेना की तैनाती असामान्य, हम देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं कर सकते

S Jaishankar on border dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)पर चीन की ओर से की गई सेना की तैनाती को असमान्य बताया। विदेश मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।

Updated On 2024-05-14 23:48:00 IST
S Jaishankar on border dispute: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि एलएसी पर चीन की ओर से असामान्य तैनाती को नजरअंदाज नहीं कर सकते।

S Jaishankar on border dispute: विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर ने मंगलवार को लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC)पर चीन की ओर से की गई सेना की तैनाती को असमान्य बताया। विदेश मंत्री ने कहा कि देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। विदेश मंत्री ने कोलकाता में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मौजूदा समय में LAC पर की कई तैनाती असामान्य है। भारत और चीन के बीच तनाव के बीच और भारतीय नागरिक के तौर पर  हममें से किसी को भी देश की सुरक्षा की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। यह मौजूदा समय में एक चुनौती है।

1988 में राजीव गांधी के चीन दौरे को लेकर कही ये बात
विदेश मंत्री ने कहा कि 1962 में भारत-चीन के 16 साल बाद 1988 में राजीव गांधी चीन गए थे। यह चीन के साथ भारत के संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में उठाया गया एक अहम कदम था। राजीव गांधी एक स्पष्ट समझ के साथ चीन के दौरे पर गए थे, कि वहां जाकर सीमा विवाद पर चर्चा करेंगे। हालांकि, शांति कायम रखी जाएगी और चीन और भारत के बीच दूसरे रिश्तों को भी बरकरार रखा जाएगा। 

साल 2020 में एलएसी पर स्थिति में आया बदलाव
एस जयशंकर ने कहा कि मौजूदा समय में स्थिति बदल गई है। यह बदलाव साल 2020 में आया। साल 2020 में चीन ने भारत के साथ हुए समझौते का उल्लंघन किया। चीन ने हमारी सीमा में बड़ी संख्या में अपने सैनिकों को भेजा। यह सबकुछ एक ऐसे समय में किया गया जब पूरे देश में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ था। इसके बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की और अब तक चार बार हमने अपने सैनिकों को गलवान में उनके नॉर्मल बेस कैंप से आगे तैनात किया है। 

भारत के सामने एक आर्थिक चुनौती भी है
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत के सामने एक आर्थिक चुनौती भी है। बीत कुछ साल में हमने मैनुफैक्चरिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर की अनदेखी की। आखिर भारत के व्यापारी चीन से इतना खरीदारी क्यों कर रहे हैं। क्या किसी दूसरे सोर्स पर इतना ज्यादा निर्भर होना सही है। बता दें कि जून 2020 में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही भारत और चीन के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।

बीते हफ्ते भी चीन से विवाद को लेकर कही ये बात
बीते हफ्ते भी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के संबंधों को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। विदेश मंत्री ने कहा था कि भारत को चीन के साथ चल रहे मुद्दों का समाधान होने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच सामान्य द्विपक्षीय संबंध इस बात पर निर्भर है कि सीमा पर शांति कायम रहे। हम उम्मीद करेंगे कि जल्द ही सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों का समाधान हो जाए। ये मुद्दे मुख्य रूप से इलाके में गश्त करने की क्षमताओं और वहां पर गश्त करने के अधिकार से जुड़े हैं।

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