Farmers Protest: दिल्ली कूच से पहले किसानों को मनाने की कोशिश, चंड़ीगढ़ में पीयूष गोयल के साथ बैठक; दिल्ली से सटे हरियाणा-पंजाब बॉर्डर सील
Farmers Protest Updates: किसानों के दिल्ली कूच से पहले धारा-144 लागू कर दी गई। राजधानी से सटे सभी बॉर्डर सील हैं और हरियाणा के करीब 10 जिलों में तीन दिन तक इंटरनेट पर रोक है।
Farmers Protest Updates: हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी समेत अन्य मांगों को लेकर दिल्ली कूच करने की तैयारी कर चुके हैं। संयुक्त किसान मोर्चा, किसान मजदूर मोर्चा और कई अन्य किसान यूनियनों व संघों ने मंगलवार (13 फरवरी) को संसद भवन के सामने प्रदर्शन के लिए दिल्ली चलो मार्च का ऐलान किया है। यह आंदोलन 2020 जैसा हिंसक न हो जाए, इसके लिए दिल्ली पुलिस समेत अन्य राज्यों में बॉर्डर सील करने और सुरक्षा बनाने जैसे एहतियाती कदम उठाए गए हैं। दूसरी ओर, सोमवार देर रात तक चंड़ीगढ़ में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत अन्य नेताओं की किसानों के साथ बैठक जारी है।
LIVE UPDATES:
- चंडीगढ़ मीटिंग पर अपडेट देते हुए किसान नेता रंजीत सिंह राजू ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक चल रही है लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है।
#WATCH चंडीगढ़: केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक पर किसान नेता रंजीत सिंह राजू ने कहा, "बैठक चल रही है लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है..." pic.twitter.com/OVTbqW59Ll
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 12, 2024
- किसान मजदूर संघर्ष कमेटी (KMSC) के पंजाब अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सभरा ने कहा- मंगलवार सुबह 200 किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अधूरे रह गए आंदोलन को पूरा करने के लिए वह दिल्ली कूच करेंगे। फिलहाल 9 राज्यों के किसान संगठन संपर्क में हैं- पुडुचेरी, कर्नाटक, तमिलनाडु, एमपी, यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब ये सभी राज्य आंदोलन के लिए तैयार हैं।
- किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा समेत तीन केंद्रीय मंत्रियों को किसान संगठनों के साथ बातचीत से हल निकालने का जिम्मा सौंपा है। सोमवार शाम को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों की बैठक हो रही है। पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल पहुंचे। लेकिन इस मीटिंग में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल नहीं हुए।
किसान क्यों दोबारा आंदोलन पर उतरे?
हरियाणा और पंजाब समेत उत्तर भारत के अन्य राज्यों के किसान अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानून बनना, किसान स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू करना और कृषि ऋण माफ करना शामिल हैं। इसके अलावा लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ित किसानों को न्याय दिलाने की मांग शामिल है।
दिल्ली के कई बॉर्डर सील, लोगों को आवाजाही में परेशानी
दिल्ली-एनसीआर में किसान आंदोलन के चलते राजधानी दिल्ली का सिंघु बॉर्डर सील हो चुका है। गाजीपुर टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर भी पुलिसबल तैनात है। यहां पर कटीले तार और कीलें बिछाकर रास्ता रोका गया है। दिल्ली पुलिस ने मॉनिटरिंग के लिए सीसीटीवी और लाउडस्पीकर भी लगाए हैं।
#WATCH | Heavy barricading at the Singhu border on Delhi-Haryana border, ahead of the farmers' call of 'Delhi Chalo' protest tomorrow. pic.twitter.com/0AroQya4k4
— ANI (@ANI) February 12, 2024
दिल्ली और झज्जर में धारा 144 लागू की गई
- 2020 जैसा किसान आंदोलन खड़ा होने के इनपुट के बाद पुलिस-प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा ने रोड जाम करने, जुलूस निकालने और पब्लिक मीटिंग्स पर रोक लगाई। आदेश के उल्लंघन पर आईपीसी 188 के तहत केस दर्ज होगा। इसके साथ ही दिल्ली और झज्जर में रविवार से धारा 144 रविवार लागू है।
- पुलिस को आशंका है कि किसान पड़ोसी राज्यों की बॉर्डर से दिल्ली में घुस सकते हैं। इससे राजधानी में सामाजिक अशांति और हिंसा का माहौल बन सकता है। इसी क्रम में नई दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैलियों पर भी रोक लगाई गई है।
हरियाणा में सुरक्षाबलों और पुलिस की 114 कंपनियां तैनात
- हरियाणा के किसानों को बॉर्डर पर रोकने के लिए पुलिस अलर्ट है। रविवार सुबह से अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद व सिरसा में तीन दिन तक इंटरनेट सेवा बंद की गई। गुरुग्राम समेत अन्य बॉर्डर पर 8 लेयर की दीवारें तैयार की गई हैं। हरियाणा और पंजाब से दिल्ली आने वाले मुख्य मार्गों पर पुलिस व केंद्रीय सुरक्षाबलों की टुकड़ियां तैनात की गई हैं।
- किसानों को रोकने के लिए गुरुग्राम पुलिस अलर्ट है। सिरहौल बॉर्डर पर लोहे के बेरीकेड्स लगाए गए। दूसरी ओर, क्रेन की मदद से सीमेंट के लगे बेरीकेड्स को हटाकर लोहे के बेरीकेड्स लगा दिए गए हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में 114 कंपनियां तैनात की गईं, जिनमें से 64 कंपनियां अर्धसैनिक बलों की और 50 कंपनियां हरियाणा पुलिस की हैं।
कांग्रेस बोली- किसानों के खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है
उधर, किसान आंदोलन को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी जारी है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि खुद को किसानों की हितैषी बताने वाली सरकार ने किसानों को रोकने के लिए सड़कों पर कीलें बिछाई हैं। सरकार ने किसानों के खिलाफ सिर्फ षड्यंत्र रचा है। आम आदमी पार्टी भी किसानों के समर्थन में बयान दे रही है। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बॉर्डर पर कंटीले तार बिछाने का विरोध किया है।