RG Kar Case: 'अपनी आवाज नीची करो...' कोलकाता मामले की सुनवाई के दौरान CJI ने वकील को फटकारा

Suprime Court News: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वकील को आक्रामक लहजे में दलीलें देने के लिए फटकार लगाई है। कहा कि अपनी आवाज नीचे रखो।

Updated On 2024-09-09 22:33:00 IST
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने आखिरी जजमेंट में CM योगी को दी नसीहत, कहां-‘बुलडोजर जस्टिस सभ्य समाज का हिस्सा नही।

Suprime Court News: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोमवार (9 सितंबर) को कोलकाता में आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई के दौरान वकील को आक्रामक लहजे में दलीलें देने के लिए फटकार लगाई।

सीजेआई ने वकील कौस्तव बागची से अपनी आवाज को नीचे रखने के लिए कहा। साथ ही केस में सीजेआई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ द्वारा पश्चिम बंगाल राज्य से कहा गया कि अगर प्रदर्शनकारी डॉक्टर कल (मंगलवार) शाम 5 बजे तक अपनी ड्यूटी पर लौट आते हैं तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई न की जाए। इस पर सिब्बल ने कहा कि कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। इस बिंदु पर बागची ने कुछ दलीलें देने के लिए हस्तक्षेप किया।

बागची का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा, "आपके लॉर्ड्स के सामने यह सज्जन, मेरे पास उनके द्वारा (प्रदर्शनों पर) पत्थर फेंकने के वीडियो और तस्वीरें हैं।" जैसे ही पीठ ने सिब्बल का बयान दर्ज किया कि डॉक्टरों के खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी, बागची ने उनके खिलाफ सिब्बल की टिप्पणी पर आपत्ति जताई।

इस दौरान बागची ने जब अपनी आवाज ऊंची की तो सीजेआई ने कहा, "क्या आप अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं? मैं पिछले दो घंटों से आपके व्यवहार को देख रहा हूं।"


सीजेआई ने बागची से कहा, "क्या आप पहले अपनी आवाज़ कम कर सकते हैं?" उन्होंने जब अपनी बात जारी रखी तो सीजेआई ने कहा, "एक सेकंड। चीफ जस्टिस की बात सुनिए, अपनी आवाज़ ऊंची मत कीजिए। अपनी आवाज़ नीची करें। दूसरा, आप अपने सामने तीन जजों को संबोधित कर रहे हैं, न कि बड़ी संख्या में दर्शकों को, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफ़ॉर्म पर इन कार्यवाही को देख रहे हैं।"

आखिर वकील ने माफ़ी मांगी
सीजेआई के द्वारा वकील बागची को फटकार लगाई गई, जिसके बाद उनको गलती का अहसास हुआ और उन्होंने इस पर माफी तक मांगी। 
 

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