Parliament Winter Session: चुनाव सुधारों पर लोकसभा में चर्चा शुरू, थोड़ी देर में बोलेंगे राहुल गांधी, जानें पल-पल की अपडेट
शीतकालीन सत्र के सातवें दिन मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल खत्म होते ही चुनाव सुधारों और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर बहस की शुरुआत कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की।
Parliament Winter Session
Parliament Winter Session: शीतकालीन सत्र के सातवें दिन मंगलवार को लोकसभा में प्रश्नकाल खत्म होते ही चुनाव सुधारों और स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर बहस की शुरुआत कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा आधार है निष्पक्ष चुनाव, और हर नागरिक को बिना भेदभाव वोट डालने का अधिकार मिलना चाहिए।
मनीष तिवारी ने सदन में जोर देकर कहा कि देश का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव सुधार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल में हुआ था। उन्होंने संकेत दिया कि आज इस बहस में राहुल गांधी भी जवाब दे सकते हैं।
इस पर अंतिम जवाब 10 दिसंबर को केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल देंगे। ये बहस दो दिनों तक चलेगी, जिसमें बीजेपी की ओर से वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे, पीपी चौधरी, अभिजीत गंगोपाध्याय और संजय जायसवाल हिस्सा ले सकते हैं। कांग्रेस की ओर से 10 नेता बहस में शामिल होंगे।
इस बहस के केंद्र में SIR प्रक्रिया के दौरान वोट चोरी के आरोप, चुनाव आयोग की निष्पक्षता, तथा भविष्य के लिए व्यापक चुनाव सुधारों की ज़रूरत जैसे बड़े मुद्दे रहेंगे। विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि SIR के दौरान BLO पर अत्यधिक दबाव डाला जा रहा है, जिससे कई कर्मचारियों की मौत या आत्महत्या तक की घटनाएं सामने आई हैं। इधर बिहार चुनाव में NDA की रिकॉर्ड जीत के बाद विपक्ष एक बार फिर वोट चोरी और मतदाता सूची में गड़बड़ियों का मुद्दा उठाने की तैयारी में है।
शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही विपक्ष लगातार SIR सहित चुनावी प्रक्रियाओं पर चर्चा की मांग कर रहा था। 1 और 2 दिसंबर को इस मुद्दे पर संसद में जोरदार हंगामा हुआ था। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सरकार और विपक्ष के नेताओं को 2 दिसंबर को बैठक के लिए बुलाया। दोनों पक्षों की सहमति से 9 दिसंबर को लोकसभा में 10 घंटे की विस्तृत चर्चा तय की गई।
SIR क्या होता है?
SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन, चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें
- वोटर लिस्ट अपडेट की जाती है
- 18+ उम्र के नए मतदाताओं को जोड़ा जाता है।
- जिन लोगों की मृत्यु हो चुकी है, उनके नाम हटाए जाते हैं।
- जो लोग शिफ्ट हो चुके हैं, उनका नाम स्थानांतरित किया जाता है।
- वोटर लिस्ट में दर्ज नाम और पते की गलतियों को ठीक किया जाता है।
- BLO घर-घर जाकर फॉर्म भरवाते हैं और जानकारी की जांच करते हैं
इसी प्रक्रिया को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है कि क्या यह पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से लागू हो रही है।
सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा- रामपुर का लोकसभा उप-चुनाव हुआ तो हमने देखा कि भाजपा के सीएम और पूरी पार्टी ने ये तय किया था कि सपा नहीं जितेगी। ये आशंका हम लोगों को थी। चुनाव में धांधली की जाएगी। चुनाव हुआ तो यही हुआ। वोटिंग के दिन पुलिस और प्रशासन लगा था कि कोई भी वोटर घर से न निकले।
उन्होंने कहा- रामपुर का उप-चुनाव हमने ऐसा देखा कि पूरा पुलिस प्रशासन और भाजपा की सरकार इस कोशिश में लगी थी कि कोई वोटर न निकले। पहली बार भाजपा वहां से जीती। हमने हर एक घटना की सूचना चुनाव आयोग को दी। पर आयोग ने एक भी कार्रवाई नहीं की।
मनीष तिवारी ने कहा, 'हमें बैलेट पेपर पर वापस लौटना चाहिए। EVM को लेकर लोगों में शंका है। या शत प्रतिशत VVPET से काउंटिंग हो। काउंटिंग में 2-3 दिन लगेंगे, लेकिन लोगों का भरोसा तो लौटेगा। कई देश बैलेट पेपर पर लौटे हैं।
मनीष तिवारी ने कहा, मैं सरकार से मांग करता हूं कि हर एक चुनावी क्षेत्र में SIR कराने का कारण संसद में रखें। इस बुनियादी प्रश्न के ऊपर अदालत में भी चर्चा नहीं हुई।
EVM को लेकर कहा, लोकतंत्र भरोसे पर चलता है, लोग गर्मी धूप बारिश में खड़े हो तो उन्हें भरोसा होना चाहिए कि वोट सही जगह जा रहा है कि नहीं। लेकिन बहुत लोगों को इस बात की चिंता है कि EVM मेनुपुलेट हो सकते हैं। जब लोगों का लोकतंत्र से भरोसा हटता है तो अराजकता फैलती है।
मैने पहले भी पूछा था कि इवीएम का सोर्स कोड किसके पास है, कंपनी के चुनाव आयोग के लेकिन न उस दिन न अब जवाब मिला मुझे। मैं फिर पूछता हूं कि इसका सोर्स कोड या मदरबोर्ड प्रोग्राम किसके पास हैं।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू
लोकसभा की कार्यवाही शुरू हो चुकी है। स्पीकर ओम बिरला ने प्रश्नकाल में सांसदों को सवाल पूछने की अपील की है।