डिसइंफो लैब' का खुलासा: संघर्ष के दौरान पाकिस्तान कैसे बना झूठ का गढ़, फेक न्यूज़ फैलाने में किन देशों ने दिया साथ? जानिए
Pakistan's propaganda against India
Pakistan Propaganda Against India: पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के खिलाफ झूठा प्रचार अभियान चलाकर लोगों को गुमराह किया है। उसके इस प्रचार अभियान में तुर्की, चीन और बांग्लादेश जैसे कुछ देशों ने भी साथ दिया है। 'डिसइंफो लैब' ने फैक्ट चेक करते हुए पाक समर्थित इस झूठतंत्र की पोल खोलकर रख दी। बताया कि भारत को बनाम करने के लिए पुराने, फेक और मनगढ़ंत वीडियो-फोटो व ग्राफिक्स इस्तेमाल किए गए हैं।
'डिसइंफो लैब' हैंडल ने 'एक्स' हैंडल पर पोस्ट की शृंखला शेयर कर बताया-ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, तुर्की और बांग्लादेश जैसे कुछ देशों ने भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाने में पाकिस्तान का साथ दिया है। पाकिस्तान ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद ही भारत विरोधी प्रचार अभियान शुरू कर दिया था। सीएनएन, रॉयटर्स, ब्लूमबर्ग, एनवाईटी जैसे पाकिस्तानी पत्रकारों ने बिना सबूत के बेबुनियाद और भारत विरोधी बयानबाजी की।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के वीडियो में छेड़छाड़
'डिसइंफो लैब' हैंडल ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान ने 8 मई को कैसे सफेद झूठ बोला कि उसने अमृतसर में नागरिक ठिकानों पर हमला नहीं किया। जबकि, अगले ही दिन पाकिस्तान अमृतसर पर हमले का जश्न मना रहा था। डीजीआईएसपीआर ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह की क्लिप में छेड़छाड़ कर दावा किया कि पाकिस्तान ने भारत के नागरिकों पर भी हमला किया है।
न्यूज चैनल की 2 साल पुरानी क्लिप वायरल
डीजीआईएसपीआर ने आज तक की 2 साल पुरानी क्लिप चलाकर भारतीय एयरफील्ड नष्ट का प्रोपोगेंडा चलाया गया। जबकि, मूल फुटेज में भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान एयरफील्ड पर हमला दिखाया गया था। इसी तरह 'इंडिया टीवी' की न्यूज क्लिप भी तोड़-मरोड़ कर पेश की गई।
एयरक्राफ्ट मार गिराने का दावा
पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक हैंडल पर एक वीडियो गेम की क्लिप पोस्ट कर भारतीय एयरक्राफ्ट को मार गिराने का दावा किया गया। सीएनएन के फेक ग्राफिक्स को भी पाकिस्तान ने झूठे प्रचार में इस्तेमाल किया। डीजीआईएसपीआर ने बिना किसी सैटेलाइट इमेजरी या सबूत के 26 भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले का दावा किया। भारतीय स्रोतों ने सिर्फ 5 प्रभावित ठिकानों की पुष्टि की।
विंग कमांडर की गिरफ्तारी का प्रोपेगेंडा चलाया
'डिसइंफो लैब' ने खुलासा किया कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया ने विंग कमांडर शिवांगी सिंह की गिरफ्तारी की झूठी खबर फैलाई। इस झूठी खबर को शुरुआत में अल जजीरा जैसे बड़े मीडिया ग्रुप ने रिपोर्ट किया। हालांकि, बाद में संशोधन किया। डीजीआईएसपीआर ने भी बाद में स्पष्ट किया उन्होंने किसी भारतीय पायलट को नहीं पकड़ा। 'डिसइंफो लैब' ने पाकिस्तान के उस दावे की भी पोल खोली, जिसमें कहा जा रहा था कि सीजफायर के लिए भारत ने अनुरोध किया है।
चीन, तुर्की और पाकिस्तान की साठगांठ
भारत-पाकिस्तान संघर्ष ने चीन, तुर्की और पाकिस्तान के आपसी गठबंधन को उजागर कर दिया है। तुर्की ने झूठे तथ्यों के जरिए पाकिस्तान के दावों को हवा दी। इसके लिए राज्य से वित्तपोषित मीडिया और सोशल मीडिया प्रचार तंत्र का दुरुपयोग किया गया। यह भी बात सामने आई है कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चीन और तुर्की में बने ड्रोन-मिसाइल इस्तेमाल किए हैं।
बांग्लादेश और चीन से फैलाई नफरत
बांग्लादेश से भी सोशल मीडिया पर फर्जी और गलत सूचनाएं प्रसारित कर लोगों को गुमराह किया गया है। कुछ पोस्ट्स को हजार से अधिक बार रीट्वीट किया गया। इनमें भारत को निशाना बनाते हुए जमकर नफरत फैलाई गई है। 'डिसइंफो लैब' ने बताया, ऐसे ही चीन से भी भारत के खिलाफ सोशल मीडिया हैंडल पर असंख्य फर्जी खबरें/भ्रामक तस्वीरें/मनगढ़ंत तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए गए।