मुत्ताकी के दौरे से 'अमेरिका' टेंशन में: ओवैसी ने ट्रंप को दिखाईं आंखें? बोले- चाबहार बंदरगार शुरू होना चाहिए
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे का स्वागत करते हुए चाबहार बंदरगाह खोले जाने की मांग की। जानिये इसके पीछे की कहानी?
ओवैसी ने मुत्ताकी के भारत दौरे के बाद चाबहार बंदरगार खोलने की मांग की।
आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जहां बिहार विधानसभा में 100 सीटों पर प्रत्यशी उतारने का ऐलान कर तेजस्वी यादव और राहुल गांधी की धड़कनों को बढ़ा दिया है, वहीं अफगानिस्तान का जिक्र कर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी अप्रत्यक्ष निशाना साधा है। उन्होंने अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताती के भारत दौरे पर कहा कि हम मांग करते हैं कि दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए जाएं। तालिबान भारत के लिए एक रणनीतिक क्षेत्र है।
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने आगे कहा कि अगर चाबहार बंदरगाह शुरू हो जाता है, तो हम अफगानिस्तान में बहुत सारे विकास कार्य कर सकते हैं। अफगानिस्तान में भारत की उपस्थिति आवश्यक है। आगे सुनिये ओवैसी का पूरा बयान
अमेरिका ने चाबहार बंदरगाह पर लगाए थे प्रतिबंध
अमेरिका ने सितंबर माह में ईरान के चाबहार बंदरगार के संचालन पर प्रतिबंध लगाए थे। इसका असर भारत पर भी पड़ रहा है। दरअसल, यहां भारत इस बंदरगाह पर ऐसा टर्मिनल बना रहा है। इसे विकसित करने में ईरान भी अहम भूमिका निभा रहा है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को मजबूत किया जाए। अमेरिका की ओर से इस चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंध लगाने को इसे भारत के लिए भी दंडात्मक कार्रवाई बताया गया था। साथ ही, इसका असर अफगानिस्तार के विकास में भी अड़चन आना तय था।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने चाबहार बंदरगाह पर प्रतिबंध की खबर प्रकाशित करने के साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता थॉमस पिगॉट का बयान भी पब्लिश किया था। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान को अलग थलग करने की रणनीति के तहत चाबहार में कामकाज के लिए 2018 में दी गई छूट को वापस ले लिया गया है। ईरान फ्रीडम एंड काउंटर प्रॉलिफरेशन एक्ट के तहत अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण और आर्थिक विकास को दी गई छूट को भी रद्द कर दिया गया है।
बगराम एयरबेस से भी बढ़ी ट्रंप की टेंशन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बयान दिया कि उन्हें अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने बगराम एयरबेस मुफ्त में तालिबान को दिया था, जब वापस चाहिए। इस मुद्दे पर भारत समेत चीन, रूस और पाकिस्तान ने भी तालिबान का सपोर्ट किया। ऐसे में तालिबानी विदेशी मंत्री आमिर खान मुत्ताती को भारत बुलाना ट्रंप को आंखें दिखाना जैसा है।