SBI Loan Fraud: अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं, एक और बैंक ने दर्ज कराई FIR, लोन फ्रॉड से जुड़ा है मामला

CBI ने अनिल अंबानी और रिलायंस कम्युनिकेशन पर SBI लोन फ्रॉड मामले में FIR दर्ज की है। फॉरेन्सिक ऑडिट रिपोर्ट में फर्जी लेन-देन और पैसों की हेराफेरी का खुलासा हुआ।

Updated On 2025-09-05 11:16:00 IST

anil ambani (फाइल फोटो)

SBI Loan Fraud Case: अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन (RCOM) के खिलाफ सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। CBI ने 2929 करोड़ रुपए के एसबीआई लोन फ्रॉड मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला साल 2012 से 2017 के बीच लिए गए टर्म-लोन और शॉर्ट-टर्म लोन की कथित हेराफेरी और गलत इस्तेमाल से जुड़ा है।

SBI की शिकायत पर CBI की कार्रवाई

सीबीआई ने यह एफआईआर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) मुंबई की शिकायत पर दर्ज की है। एफआईआर में अनिल अंबानी, रिलायंस कम्युनिकेशन लिमिटेड, अज्ञात सरकारी कर्मचारी और अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। आरोप है कि कंपनी ने बैंक से लिए गए लोन का गलत इस्तेमाल किया और आपस में ही फंड ट्रांसफर करके बैंक को करीब 2929 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया।

फॉरेन्सिक ऑडिट से खुली पोल

इस घोटाले का खुलासा तब हुआ जब फॉरेन्सिक ऑडिट फर्म BDO India LLP ने अपनी रिपोर्ट 2020 में एसबीआई को सौंपी। इसमें 2013 से 2017 के बीच की वित्तीय गड़बड़ियों का जिक्र है। रिपोर्ट के मुताबिक, RCOM ने रिलायंस टेलीकॉम (RTL) और रिलायंस इन्फ्राटेल (RITL) को लोन की राशि ट्रांसफर की और कई बार पैसों को विभिन्न सहयोगी कंपनियों के जरिए घुमाया, जिससे गड़बड़ी को छुपाया जा सके।

पैसे की हेराफेरी और फर्जी अकाउंटिंग का आरोप

CBI की FIR के अनुसार, RCOM ने 783.77 करोड़ RTL को और 1435.24 करोड़ RITL को ट्रांसफर किए। वहीं कई कंपनियों और डमी अकाउंट्स के जरिए पैसों को घुमाया गया। आरोप है कि कंपनी प्रबंधन और प्रमोटरों ने बुक्स ऑफ अकाउंट्स में हेरफेर करके पैसों की गबन और भरोसे का उल्लंघन किया।

सीबीआई ने अनिल अंबानी के कई ठिकानों पर मारी रेड

CBI ने 23 अगस्त को अनिल अंबानी और RCOM से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी भी की। आरोपों में फर्जी सेल्स इनवॉइस, इंटर-कॉरपोरेट डिपॉजिट्स, पूंजीगत अग्रिम की गलत तरीके से लिखत-पढ़त और काल्पनिक डेब्टर्स बनाने जैसे गंभीर मामले शामिल हैं।

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