मेनका की कर्मभूमि पीलीभीत पर कांग्रेस की नजरें, तैयार हुआ राग-द्वेष का मिश्रण
वर्ष 1991 के उप चुनाव में भाजपा के मुकाबले वह अपनी सीट नहीं बचा सकी।;

सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में बतौर भाजपा प्रत्याशी अपने पुराने संसदीय क्षेत्र में वापस आई मेनका गांधी इस सीट पर पांच बार तथा एक बार उनका सुपुत्र वरूण गांधी ने क्षेत्र के मतदाताओं के प्रति मतदाताओं के राग-द्वेष का जो मिर्शण तैयार किया है व मेनका की वापसी पर साफ दिखता है। जहां तक पीलीभीत के राजनीतिक इतिहास का सवाल है उसमें पीलीभीत संसदीय सीट का इतिहास काफी रोचक रहा है। आजाद भारत में संविधान लागू होने के बाद स्रन 1952 में हुए प्रथम लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जीत गई, लेकिन इसके बाद लगातार तीन चुनावों पर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा रहा।