Arthritis Precautions: गठिया पेशेंट विंटर में भूलकर भी न करें 5 गलतियां, बढ़ सकती है परेशानी

Arthritis Precautions: अर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों को सर्दी के सीजन में सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। लापरवाही से समस्या बढ़ सकती है।

Updated On 2025-11-25 16:20:00 IST

सर्दी में गठिया का दर्द बढ़ाने वाली 5 गलतियां।

Arthritis Precautions: सर्दियों के आते ही गठिया के मरीजों की परेशानी बढ़ने लगती है। जोड़ों में जकड़न, सूजन और तेज दर्द से रोजमर्रा के काम भी मुश्किल हो जाते हैं। ठंड का असर सीधे हड्डियों और जोड़ों की नसों पर पड़ता है, इसलिए थोड़ी-सी लापरवाही भी दर्द को कई गुना बढ़ा सकती है।

इस मौसम में गठिया के मरीज अनजाने में ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिनसे इंफ्लेमेशन बढ़ता है और इलाज का असर भी कम हो जाता है। चलिए जानते हैं सर्दियों में गठिया रोगियों को कौन-सी 5 चीजें बिल्कुल नहीं करनी चाहिए।

विंटर में 5 गलतियां करने से बचें

शरीर को ठंड लगने देना: गठिया रोगियों के लिए ठंड सबसे बड़ा दुश्मन है। शरीर ठंडा होने पर खून का बहाव धीमा हो जाता है और जोड़ों में जकड़न बढ़ जाती है। कई लोग सुबह-सुबह बिना गर्म कपड़ों के बाहर निकल जाते हैं, जिससे दर्द बढ़ सकता है। हमेशा ऊनी कपड़े, मोजे और गर्म कैप पहनकर रखें।

पानी कम पीना: सर्दी में प्यास कम लगती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि शरीर को पानी की जरूरत नहीं है। कम पानी पीने से शरीर डिहाइड्रेट होता है और जोड़ों में लचीलापन घट जाता है। इससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है। गठिया के मरीज दिनभर में 6-8 गिलास पानी जरूर पिएं।

एक्सरसाइज़ छोड़ देना: ठंड के मौसम में लोग अक्सर व्यायाम बंद कर देते हैं, जबकि गठिया में थोड़ी-बहुत मोबिलिटी जरूरी है। हल्की स्ट्रेचिंग, योगा और सुबह की हल्की वॉक जोड़ों को लचीला बनाती है और दर्द कम करती है। पूरी तरह बेड-रेस्ट करना गलती है।

ठंडे और जंक फूड का सेवन: सर्दियों में तला-भुना, मीठा और ठंडे पेय ज्यादा खाए जाते हैं, लेकिन ये गठिया मरीजों के लिए नुकसानदेह हैं। यह शरीर में इंफ्लेमेशन बढ़ाते हैं, जिससे दर्द तेज हो सकता है। इसके बजाय गर्म सूप, दलिया, हरी सब्जियां और हल्दी वाला दूध लें।

दवाइयां छोड़ देना या अनियमितता करना: ठंड में दर्द कम होते ही कई लोग दवाइयां लेना बंद कर देते हैं, जबकि यह सबसे खतरनाक गलती है। इलाज बीच में छोड़ने से जोड़ों की सूजन फिर बढ़ जाती है और बीमारी दोबारा उग्र हो सकती है। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां नियमित लें।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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