Sleep Issue Symptoms: 8 घंटे सोने के बाद नहीं होती नींद पूरी, जानिए वजह और लक्षण

Sleep Issue Symptoms: 8 घंटे सोने के बाद भी थकान, सुस्ती या सिरदर्द की समस्या रहती है तो ये स्लीप डिसऑर्डर का संकेत हो सकता है। जानिए एक्सपर्ट क्या कहते हैं।

Updated On 2025-10-13 22:00:00 IST

8 घंटे सोने के बाद भी नींद पूरी नहीं होना के लक्षण (Image: Grok)

Sleep Issue Symptoms: नींद इंसान की सबसे बड़ी दवा मानी जाती है। दिनभर की थकान मिटाने और शरीर को ऊर्जा देने का सबसे असरदार तरीका है गहरी नींद लेना। लेकिन अगर आप 7 से 8 घंटे की नींद लेने के बावजूद भी थकान, सुस्ती या सिरदर्द महसूस करते हैं तो यह सामान्य बात नहीं है।

बता दें, कई बार शरीर सोता है, लेकिन दिमाग जागता रहता है, जिससे नींद पूरी नहीं हो पाती। यह स्थिति धीरे-धीरे गंभीर स्लीप डिसऑर्डर में बदल सकती है। आइए जानते हैं कि आखिर नींद पूरी न होने के पीछे क्या वजहें हो सकती हैं। इस पर मनोचिकित्सक डॉ. नवेंदु गौर का कहना है कि 8 घंटे सोने के बाद भी थकावट, चिड़चिड़ापन या ध्यान लगाना मुश्किल हो तो यह संकेत हो सकता है कि जैसे थायरॉइड, स्लीप एपनिया, अवसाद, नींद की गुणवत्ता को बाधित कर रही हो।

Source: https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5310097

नींद पूरी न होने के मुख्य कारण

तनाव और चिंता

आज की व्यस्त जीवनशैली में तनाव आम बात है। जब दिमाग लगातार किसी चिंता या काम के बोझ में उलझा रहता है, तो शरीर तो आराम करता है लेकिन दिमाग सक्रिय बना रहता है। यही कारण है कि पूरी रात की नींद लेने के बाद भी थकान महसूस होती है।

अनियमित नींद का समय

रात में देर से सोना और सुबह जल्दी उठना या हर दिन अलग-अलग समय पर सोना भी शरीर की जैविक घड़ी (बॉडी क्लॉक) को बिगाड़ देता है। इससे नींद गहरी नहीं आती और बार-बार टूटती है।

खानपान की आदतें

सोने से ठीक पहले भारी भोजन करना, कैफीन या चाय-कॉफी का सेवन करना नींद की गुणवत्ता को कम कर देता है। पेट में एसिडिटी या भारीपन के कारण नींद बार-बार खुल सकती है।

मोबाइल और स्क्रीन टाइम

सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप का उपयोग करने से निकलने वाली नीली रोशनी (ब्लू लाइट) मेलाटोनिन हार्मोन को प्रभावित करती है, जो नींद लाने के लिए जिम्मेदार होता है।

स्वास्थ्य समस्याएं

थायरॉइड, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ या डिप्रेशन जैसी बीमारियां भी नींद की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकती हैं।

नींद पूरी न होने के लक्षण


लगातार थकान महसूस होना

8 घंटे की नींद लेने के बाद भी शरीर भारी और कमजोर महसूस करे तो यह संकेत है कि आपकी नींद गहरी नहीं हो रही।

सुबह सिरदर्द या आंखों में जलन

अधूरी नींद से मस्तिष्क को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, जिससे सुबह उठते समय सिरदर्द या आंखों में भारीपन महसूस हो सकता है।

मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन

नींद की कमी सीधे आपके मूड को प्रभावित करती है। लगातार चिड़चिड़ापन, गुस्सा या बेचैनी नींद की खराब गुणवत्ता का परिणाम हो सकता है।

ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई

नींद पूरी न होने से दिमाग सुचारू रूप से काम नहीं कर पाता, जिससे ध्यान भटकता है और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर पड़ती है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी

लंबे समय तक नींद पूरी न होने से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे व्यक्ति जल्दी बीमार पड़ सकता है।

नींद को बेहतर बनाने के घरेलू उपाय


सोने और जागने का नियमित समय तय करें

हर दिन एक ही समय पर सोएं और जागें। इससे शरीर की जैविक घड़ी संतुलित रहती है।

सोने से पहले रिलैक्स करें

सोने से पहले हल्का संगीत सुनें, ध्यान लगाएं या किताब पढ़ें। इससे दिमाग शांत होता है और नींद आने में मदद मिलती है।

कैफीन और मोबाइल से दूरी रखें

रात के समय चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक या मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें ताकि दिमाग को आराम मिले।

कमरे का माहौल शांत रखें

नींद के लिए कमरा अंधेरा, ठंडा और शांत होना चाहिए। हल्की रोशनी या लैवेंडर जैसी खुशबू भी नींद में मदद कर सकती है।

गुनगुना दूध या हर्बल चाय पी सकते हैं

सोने से पहले गुनगुना दूध या कैमोमाइल टी पीने से शरीर को रिलैक्सेशन मिलता है और नींद बेहतर होती है।

नींद सिर्फ शरीर को आराम देने का नहीं, बल्कि मन और मस्तिष्क को ऊर्जावान बनाने का माध्यम है। अगर आप रोजाना पर्याप्त नींद लेने के बावजूद तरोताजा महसूस नहीं करते, तो यह चेतावनी हो सकती है कि आपका शरीर मदद मांग रहा है।

(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। हरिभूमि इसकी पुष्टि नहीं करता, अगर आपको नींद की समस्या है तो किसी डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

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