Health Tips: इस पौधे के रस का सेवन करने से कई बीमारियां होगीं दूर, बांझपन, पीलिया और डायबिटीज में लाभदायक 

Use Of Annihilation: सत्यानाशी पौधे को अक्सर नकारात्मक संदर्भ में ही देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि प्राचीन चिकित्सा शास्त्र में यह पौधा चमत्कारिक रूप में माना जाता है। इस पौधे का तना, फूल और पत्तियां कई बीमारियों के लिए रामबाण का काम करती हैं।

Updated On 2024-04-03 16:25:00 IST
Use Of Annihilation

Use Of Annihilation: जिस पौधे को अधिकतर लोग कचरा समझ काटकर फेक देते हैं, दरअसल वह कई बीमारियों में फायदेमंद साबित होता है। ‘सत्यानाशी’ शब्द सुनते ही पौधे को लोग कचरा ही समझते है और इसे उखाड़ फेकते है। गांवों में इसे घमोई भी कहा जाता है। इस पौधे को अक्सर नकारात्मक संदर्भ में ही देखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते है कि प्राचीन चिकित्सा शास्त्र में यह पौधा चमत्कारिक रूप में माना जाता है। इस पौधे का तना, फूल और पत्तियां कई बीमारियों के लिए रामबाण का काम करती हैं। यह पौधा पुरूषों के लिए दवाई के रूप में वरदान माना जाता है। इसका सेवन करने से अनगिनत बीमारियां दूर होती हैं। सत्यानाशी पौधे का सेवन करनें से मर्दाना कमजोरी और शारीरिक कमजोरी दूर होती है। साथ ही यह बांझपन, कैंसर, मधुमेह, पेट दर्द, खांसी और यूरिन (पेशाब) समस्या सहित कई रोगों का नाश करता है।

तोड़ने पर निकलता है पीले रंग का दूध
यह पौधा देश में सड़कों के किनारे शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है। जो किसानों के खेत, बाड़ी में हर मौसम देखने को मिल जाता है। इसका आकार 2-3 फिट ऊचांई तक होता है। इस पौधे के पत्ते में कांटे अधिक होते हैं। इसमें फूल पीले रंग और फल श्यामले रंग के पाए जाते हैं। पौधे को तोड़ने पर पीले रंग का दूध निकलता है। इसे सत्यनाशी के अलावा स्वर्णक्षारी नाम से भी जाना जाता है। इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एनाल्जेसिक, एंटी-डायबिटीक, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एंटीस्पास्मोडिक जैसे कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। जो त्वचा संबंधी कई बीमारियों को दूर करनें में सहायक होता है। सत्यानाशी का दूध, बीज के तेल, पत्तियों का लेप और पत्ते के रस जैसे कई अन्य तरीकों से इसका उपयोग किया जा सकता है।

इन बीमारियों से मिलेगी मुक्ति

  • खांसी से छुटकारा – सत्यानाशी पौधा की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से पुरानी से पुरानी खासी से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • यूरिन प्रॉबल्म – किसी व्यक्ति को पेशाब से परेशानी होने पर सत्यानाशी पौधे का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए। इसके सेवन से कुछ ही दिनों में यूरिन की समस्या दूर हो जाएगी।
  • डायबिटीज में लाभदायक – सत्यानाशी का पौधा ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में मददगार होता है। इसके पत्तों का इस्तेमाल कर डायबिटीज से भी निजात पा सकते हैं।
  • बांझपन में कारगर – बांझपन कई कारणों से हो सकता है। इसमें शुक्राणुओं की कमी को सबसे मुख्य वजह माना जाता है। सत्यानाशी में शुक्राणुओं को बढ़ाने का गुण होता है। इसलिए अगर आप शुक्राणुओं की कमी से निःसंतान हैं, तो इसका सेवन करना आपके लिए लाभदायक हो सकता है। इसका लगातार 21 दिनों तक सेवन करने से बांझपन खत्म हो सकता है।
  • चेहरे के लिए फायदेमंद – सत्यानाशी पौधे में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है। इसके सेवन से त्वचा में बैक्टीरिया संबंधित परेशानियां दूर और त्वचा चमकदार हो जाती है।
  • पीलिया में फायदेमंद – सत्यानाशी का पौधा पीलिया जैसी खतरनाक बीमारी के लिए फायदेमंद है। किसी व्यक्ति को पीलिया हो जाने में सत्यानाशी के तेल में गिलोय का रस मिलाकर सेवन करने से पीलिया जड़ से खत्म हो जाती है।
  • दाद में उपयोग- सत्यानाशी पौधे में एंटीफंगल गुण पाया जाता है। इसकी पत्तियों को राई के तेल में डुबाकर गरम कर दाद में लगाने से कुछ ही दिनों में आराम मिल जाता है।
  • दर्द में आरामदायक - सत्यानाशी तेल में सोठ मिलाकर सेवन करने से शरीर में दर्द से राहत मिलती है।

[डिस्क्लेमर: यहां दी गई सामग्री केवल सामान्य जानकारी के लिए है। हरिभूमि इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।] 

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