Chest Congestion: छाती में बलगम सूख गया है? इन घरेलू तरीकों से ढीला होकर आएगा बाहर!
Chest Congestion: विंटर सीजन में छाती में कफ जमने की समस्या बेहद कॉमन है। इस परेशानी से राहत दिलाने में कुछ घरेलू उपाय कारगर हो सकते हैं।
छाता में जमा सूखा कफ निकालने के टिप्स।
Chest Congestion: सर्दियों के दिनों में बलगम जमा होना आम बात है, लेकिन जब यह बलगम सूखकर चिपक जाता है, तो सांस लेने में भारीपन, सीने में दर्द और लगातार खांसी जैसी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। यह स्थिति शरीर को बेहद असहज बना देती है और रोजमर्रा की लाइफ भी प्रभावित होती है। ऐसे समय में दवाओं के साथ-साथ घर के कुछ आसान और असरदार उपाय छाती के बलगम को ढीला करके बाहर निकालने में मदद करते हैं।
आयुर्वेद और घरेलू नुस्खों में ऐसे कई तरीके बताए गए हैं जो नेचुरल तरीके से सूखे बलगम को पिघलाते हैं और सांस की नलियों को साफ करते हैं। इनमें भाप लेना, गरम ड्रिंक पीना, मसालों का इस्तेमाल और मालिश जैसे तरीके बेहद कारगर साबित होते हैं।
5 असरदार घरेलू उपाय दिलाएंगे राहत
भाप लेना: गर्म पानी की भाप सर्दी और छाती में जमा सूखे बलगम को पिघलाने का सबसे तेज़ तरीका माना जाता है। भाप लेने से हवा की नलियों में जमी गंदगी नरम होती है और खांसी के साथ आसानी से बाहर निकल जाती है। भाप में हल्का-सा अजवाइन या निलगिरी तेल मिलाया जाए तो फायदा और बढ़ जाता है।
हल्दी वाला गरम दूध: हल्दी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती है, जो सूजन कम कर बलगम को ढीला करती है। रात में सोने से पहले हल्का गरम हल्दी दूध पीने से गले और छाती दोनों को राहत मिलती है। यह अंदरूनी हीलिंग को भी तेज करता है।
अदरक-शहद का मिश्रण: अदरक बलगम खोलने में बेहद प्रभावी माना जाता है। शहद के साथ इसका सेवन करने से यह गले में जमा सूखा कफ ढीला करता है और खांसी भी कम होती है। इसे दिन में 2 बार लेने से छाती की जकड़न में तेज़ राहत मिलती है।
गर्म पानी और अजवाइन का काढ़ा: अजवाइन में पाए जाने वाले प्राकृतिक तत्व बलगम को शरीर से निकालने में मदद करते हैं। काढ़ा बनाकर गर्म-गर्म पीने से छाती में जमा कफ मुलायम होता है और फेफड़ों का दबाव कम होता है। यह पाचन भी सुधारता है, जिससे कफ दोबारा जमा नहीं होता।
सरसों के तेल से छाती पर मसाज: हल्का गरम सरसों का तेल छाती पर लगाने से मांसपेशियाँ रिलैक्स होती हैं और अंदर जमा कफ ढीला होता है। इसमें लहसुन की कली डालकर गर्म किया जाए तो इसका असर और बढ़ जाता है। यह तरीका बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी के लिए सुरक्षित और कारगर माना जाता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)
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