Shami Plantation: धार्मिक महत्व रखता है शमी का पौधा, घर में इस तरीके से लगाकर करें देखभाल, तेजी से बढ़ेगा

Shami Plantation: आप अगर अपने गार्डन में शमी का पौधा लगाना चाहते हैं तो कुछ टिप्स ध्यान रखें। इससे पौधे की तेज ग्रोथ होगी।

Updated On 2025-05-30 15:17:00 IST

घर में शमी का पौधा उगाने का तरीका।

Shami Plantation: शमी का पौधा न केवल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होता है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है। खासतौर पर शमी का पौधा नवरात्रि, दशहरा और शनि पूजा में पूजा जाता है। मान्यता है कि यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और घर में सुख-समृद्धि लाता है। इसके साथ ही यह एक कम रख-रखाव वाला, सूखा सहने वाला और सुंदर दिखने वाला पौधा भी है।

अगर आप इसे घर में लगाना चाहते हैं, तो इसके लिए बहुत बड़ी जगह या जटिल तैयारी की जरूरत नहीं है। थोड़ा-सा ध्यान और सही देखभाल से आप इसे गमले में भी अच्छे से उगा सकते हैं। आइए जानते हैं शमी का पौधा घर में कैसे लगाएं, और इसकी देखभाल कैसे करें ताकि यह हमेशा हरा-भरा और फलदायी बना रहे।

शमी का पौधा लगाने के लिए जरूरी सामग्री

शमी का बीज या छोटा पौधा (नर्सरी से)

10-12 इंच गहरा मिट्टी का गमला

अच्छी तरह सूखी दोमट मिट्टी

थोड़ी बालू और गोबर की खाद

पानी देने के लिए मग या पाइप

धूप वाली जगह

शमी का पौधा उगाने का तरीका

सबसे पहले मिट्टी तैयार करें – दोमट मिट्टी में थोड़ी रेत और गोबर की खाद मिलाएं ताकि पानी ज्यादा न रुके।

गमले के नीचे छेद जरूर हो ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके।

बीज को 24 घंटे पानी में भिगोने के बाद मिट्टी में बोएं या फिर नर्सरी से लाया छोटा पौधा सीधे लगाएं।

पौधा लगाने के बाद हल्का पानी दें और गमले को ऐसी जगह रखें जहां कम से कम 4-5 घंटे की सीधी धूप मिले।

गर्मियों में हफ्ते में दो बार और सर्दियों में हफ्ते में एक बार पानी देना काफी होता है।

शमी के पौधे की देखभाल कैसे करें

धूप: शमी को भरपूर धूप पसंद है, इसलिए इसे बालकनी या छत जैसी खुली जगह पर रखें।

पानी: ज्यादा पानी देने से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं, इसलिए केवल तभी पानी दें जब मिट्टी सूखी लगे।

खाद: हर दो महीने में एक बार गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट दें ताकि पौधे में नई पत्तियाँ आती रहें।

कीट प्रबंधन: अगर पौधे में सफेद या भूरे कीड़े दिखें, तो नीम का तेल छिड़क सकते हैं।

कटाई-छंटाई: पुराने और सूखे पत्तों को समय-समय पर काटते रहें ताकि पौधा नया विकास कर सके।

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