Heart Care: बढ़ती उम्र में दिल रखना है हेल्दी? कार्डियोलॉजिस्ट से जाने 30 साल के बाद कैसी हो लाइफस्टाइल
Heart Care Tips: बढ़ती उम में दिल की सेहत का खास ख्याल रखना जरूरी हो जाता है। ऐसे में 30 की उम्र के बाद से ही लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव कर देने चाहिए।
दिल की जांच के जरूरी टेस्ट और लाइफस्टाइल टिप्स।
Heart Care Tips: आजकल कम उम्र में ही लोग हार्ट से जुड़ी प्रॉब्लम्स का शिकार हो रहे हैं। इसके पीछे बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी को सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है। बच्चों में जंक फूड खाने की आदतें उन्हें भी हार्ट डिजीज की चपेट मे ले रही हैं। बेतरतीब बढता वजन, तनावपूर्ण लाइफस्टाइल भी इसके प्रमुख कारण माने जा सकते है। ऐसे में समय-समय पर हार्ट से जुड़े ज़रूरी टेस्ट करवाना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद ज़रूरी है।
इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के डॉ. मनोज बंसल, कन्सल्टेन्ट, इंटर्वेन्शनल कॉर्डियोलॉजी बता रहे हैं कि हार्ट की स्थिति जाननने के लिए कौन से टेस्ट करवाना चाहिए और साथ ही बता रहे हैं हेल्दी हार्ट के लिए किन बातों को अपनाना चाहिए?
हार्ट के लिए ज़रूरी टेस्ट
ईसीजी: यह सबसे बेसिक और ज़रूरी टेस्ट है। इसमें दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधि रिकॉर्ड की जाती है। धड़कन की अनियमितता, ब्लॉकेज या हार्ट अटैक के शुरुआती संकेत इसमें दिख सकते हैं।
ईको टेस्ट: इस टेस्ट में अल्ट्रासाउंड की मदद से दिल की तस्वीर ली जाती है। इससे पता चलता है कि दिल सही से पंप कर रहा है या नहीं, और वॉल्व्स में कोई दिक्कत तो नहीं है।
टीएमटी: इसे स्ट्रेस टेस्ट भी कहा जाता है। इसमें दौड़ते या चलते समय हार्ट की एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है। यह टेस्ट ब्लॉकेज और ब्लड फ्लो की स्थिति जानने के लिए किया जाता है।
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट: यह टेस्ट खून में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को जांचने के लिए किया जाता है। बढ़ा हुआ एलडीएल हार्ट डिज़ीज़ का बड़ा कारण है।
एन्जियोग्राफी टेस्ट: यह एक एडवांस्ड टेस्ट है जिसमें हार्ट की धमनियों में ब्लॉकेज का पता लगाया जाता है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते हैं।
ब्लड प्रेशर मॉनिटरिंग: हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि यह बिना लक्षण के हार्ट पर बुरा असर डालता है। नियमित रूप से बीपी की जांच बेहद ज़रूरी है।
हेल्दी हार्ट के लिए अपनाएं ये आदतें
संतुलित व पौष्टिक आहार लें: अपने डाइट में हरी सब्ज़ियां, फल, साबुत अनाज, दालें और ड्राई फ्रूट्स शामिल करें। तैलीय, जंक और प्रोसेस्ड फूड से दूरी बनाएं।
नियमित व्यायाम करें: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योगा, साइक्लिंग या कोई भी शारीरिक गतिविधि ज़रूर करें। यह हार्ट को मज़बूत और एक्टिव बनाए रखता है।
तनाव से दूर रहें: स्ट्रेस हार्ट डिज़ीज़ का बड़ा कारण है। मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग और मनपसंद गतिविधियां करके तनाव को कम करें।
स्मोकिंग और अल्कोहल से दूरी बनाएं: स्मोकिंग और अत्यधिक शराब का सेवन हार्ट की सेहत के लिए सबसे खतरनाक है। इसे तुरंत छोड़ दें।
पर्याप्त नींद लें: हर दिन 7–8 घंटे की अच्छी नींद हार्ट और पूरे शरीर के लिए ज़रूरी है।
वजन नियंत्रित रखें: मोटापा हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और हार्ट डिज़ीज़ की संभावना बढ़ाता है। सही खान-पान और व्यायाम से वजन को संतुलित रखें।
नियमित हेल्थ चेकअप करवाते रहें: 30 की उम्र के बाद हर साल एक बार हार्ट और हेल्थ चेकअप ज़रूर करवाएं, ताकि बीमारी समय रहते पकड़ी जा सके।
हार्ट की सेहत सिर्फ टेस्ट कराने से नहीं बल्कि जीवनशैली सुधारने से भी जुड़ी है। नियमित जांच, संतुलित आहार, व्यायाम और तनाव मुक्त जीवन से लंबे समय तक हार्ट की बीमारी से बचा सकता है।
(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)
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(लेखक:कीर्ति)