एक्सपर्ट एडवाइस: बच्चों को सर्दी-खांसी में Cough Syrups देना चाहिए या नहीं? पैरेंट्स जरूर पढ़ें

छिंदवाड़ा में 12 बच्चों की मौत के बाद कफ सिरप को लेकर डर बढ़ा। सवाल यह है कि क्या खांसी में बच्चों को सिरप देना चाहिए या नहीं? जानें डॉ. सुधीर कुमार ने बच्चों को सिरप देने पर क्या चेतावनी दी।

Updated On 2025-10-06 20:47:00 IST

बच्चों को कफ सिरप पिलाने से जुड़ी जरूरी बातें।

Cough Syrups: कफ सिरप पीने की वजह से छिंदवाड़ा में हुई एक दर्जन बच्चों की मौत ने देशभर को हिलाकर रख दिया है। ऐसे में आमतौर पर जरा सी सर्दी-खांसी होने पर ही बच्चे को कफ सिरप देने वाले पैरेंट्स टेंशन में आ गए हैं। इसी के साथ सवाल भी पैदा हो गया है कि क्या बच्चों को कफ सिरप देना चाहिए या नहीं?

अपोलो हॉस्पिटल, हैदराबाद के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने कफ सिरप को लेकर पैरेंट्स को जागरुक करते हुए इंस्टाग्राम पर पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में डॉ. सुधीर ने कफ सिरप और बच्चों की मौत से जुड़ी पैरेंट्स को जानने वाली जरूरी बातें साझा की हैं।

कफ सिरप में मिले थे घातक कैमिकल्स

कफ सिरप से बच्चों की होने वाली मौतों को लेकर डॉ. सुधीर ने पोस्ट में इसकी वजह साझा की हैं। उन्होंने लिखा है कि इन घटनाओं की जांच में पाया गया कि कई खांसी के सिरप जहरीले केमिकल्स डायएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) मिले हैं।

यह केमिकल्स अक्सर फार्मास्यूटिकल ग्रेड सॉल्वेंट की जगह गलती या मिलावट के कारण सिरप में पहुंच जाते हैं। बेहद कम मात्रा में भी ये केमिकल्स किडनी को नुकसान पहुंचाकर बच्चों की मौत तक का कारण बन सकते हैं।

क्या बच्चों को कफ सिरप की जरूरत है?

यह बड़ा सवाल है कि बच्चे को कफ सिरप देना चाहिए या नहीं। इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. सुधीर लिखते हैं कि ज्यादातर मामलों में इसकी कोई जरूरत नहीं है। बच्चों की खांसी अधिकतर वायरल होती है और 7–10 दिन में खुद ही ठीक हो जाती है।

वहीं, सिरप से बीमारी जल्दी नहीं जाती और न ही यह खांसी को पूरी तरह रोक पाता है। कफ सिरप में मौजूद दवाएं बच्चों में नींद, हार्टबीट अनियमित होना और सांस लेने में समस्या जैसी साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकती हैं।

पैरेंट्स और डॉक्टर के लिए ध्यान देने वाली बातें

  • बच्चों को खांसी की दवा शायद ही कभी जरूरी होती है।
  • हमेशा भरोसेमंद और रेगुलेटेड कंपनियों की दवाएं ही इस्तेमाल करें।
  • अगर सिरप देने के बाद बच्चे में उल्टी, पेशाब कम होना या भ्रम की स्थिति दिखे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
  • शुरुआती पहचान पर टॉक्सिन से हुए किडनी के नुकसान का इलाज संभव है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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