Gardening Tips: पहली बार करने जा रहे हैं बागवानी? 6 ज़रूरी बातें ध्यान रखें, हरे-भरे होंगे पौधे
Gardening Tips: गार्डनिंग करना एक आर्ट है और इसके लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। जानते हैं बागवानी से जुड़े कुछ जरूरी टिप्स।
Gardening Tips: बागवानी यानी गार्डनिंग सिर्फ पौधे उगाना नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने और मानसिक सुकून पाने का एक बेहतरीन तरीका है। आजकल लोग अपने घरों की बालकनी, छत या आंगन में छोटे-छोटे गार्डन बना रहे हैं। ताजी हवा, हरियाली और खुद उगाई सब्जियां या फूल मन को खास सुकून देते हैं।
हालांकि पहली बार बागवानी शुरू करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, ताकि पौधे जल्दी मुरझाएं नहीं और आपका उत्साह बना रहे। आइए जानते हैं शुरुआती बागवानों के लिए 6 जरूरी और आसान टिप्स।
छोटे और आसान पौधों से शुरुआत करें
अगर आप पहली बार गार्डनिंग कर रहे हैं, तो ऐसे पौधों से शुरुआत करें जिन्हें देखभाल की कम ज़रूरत होती है। तुलसी, मनी प्लांट, एलोवेरा, मोगरा, मनी प्लांट या पुदीना जैसे पौधे शुरुआती लोगों के लिए बेस्ट होते हैं। ये जल्दी सूखते नहीं और इनमें रोग भी कम लगते हैं। इससे आपको आत्मविश्वास मिलेगा और धीरे-धीरे आप दूसरी किस्मों की ओर बढ़ सकते हैं।
धूप और स्थान का सही चुनाव करें
हर पौधे को अलग-अलग मात्रा में धूप की जरूरत होती है। कुछ पौधे पूरी धूप में अच्छे उगते हैं, जबकि कुछ को आंशिक धूप चाहिए होती है। इसलिए पौधा लगाने से पहले जान लें कि वो कितनी रोशनी चाहता है। इसके अनुसार अपने बालकनी या छत में स्थान तय करें। पौधों को ऐसी जगह रखें जहां हवा का अच्छा आवागमन हो और बारिश का पानी जम न सके।
मिट्टी और गमले का सही चुनाव करें
अच्छी बागवानी के लिए मिट्टी की गुणवत्ता बेहद जरूरी है। नारियल की भूसी, गोबर खाद और लाल मिट्टी का मिश्रण पौधों के लिए अच्छा रहता है। गमले का साइज भी पौधे के अनुसार होना चाहिए। प्लास्टिक या सिरेमिक गमले हल्के और टिकाऊ होते हैं, लेकिन ध्यान दें कि गमले में ड्रेनेज होल जरूर हो, जिससे पानी जमा न हो और जड़ें सड़ने न लगें।
पानी देने का सही तरीका अपनाएं
पौधों को रोज़ाना पानी देना जरूरी नहीं होता। ज़रूरत से ज्यादा पानी देने से जड़ें गल सकती हैं। उंगली से मिट्टी को छूकर देखें—अगर वो सूखी है तो ही पानी दें। सुबह जल्दी या शाम को पानी देना बेहतर होता है क्योंकि इस समय मिट्टी पानी को ज्यादा अच्छे से सोखती है और वाष्पीकरण कम होता है।
खाद और पोषण का ध्यान रखें
पौधों को भी समय-समय पर पोषण की जरूरत होती है। गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या किचन वेस्ट से बना जैविक खाद सबसे अच्छा रहता है। महीने में एक बार खाद डालना पौधों की बढ़त और हरियाली के लिए जरूरी है। साथ ही, मुरझाए पत्तों को समय पर काटते रहें ताकि पौधे स्वस्थ रहें और नए पत्तों की ग्रोथ हो सके।
कीड़ों और रोगों से बचाव करें
पौधों पर कीड़े लगना आम बात है, खासकर गर्मियों या बरसात में। नीम के तेल को पानी में मिलाकर स्प्रे करने से कीड़े दूर रहते हैं। साथ ही समय-समय पर पत्तों को जांचें और जो पत्तियां पीली या सड़ी हों उन्हें हटा दें। जैविक तरीके से कीट नियंत्रण से पौधे ज्यादा दिनों तक हरे-भरे रहते हैं।
अगर आप इन बुनियादी बातों का ध्यान रखेंगे तो गार्डनिंग आपके लिए थकान मिटाने और खुशी पाने का सबसे अच्छा जरिया बन सकती है। थोड़े से धैर्य और देखभाल से आपकी बालकनी या छत कुछ ही हफ्तों में हरियाली से भर सकती है।