OTT पर महिलाओं का जलवा: 2025 में भारतीय कहानियों को नया आकार देती अभिनेत्रियां

2025 में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर भारतीय अभिनेत्रियों ने सशक्त, वर्सेटाइल और जोखिम भरे किरदारों के ज़रिए कहानियों को नई दिशा दी है। भूमि पेडनेकर, हुमा कुरैशी और शेफाली शाह जैसी कई कलाकार डिजिटल युग में नायिका की नई परिभाषा गढ़ती नज़र आ रही हैं।

Updated On 2025-12-23 18:46:00 IST

2025 में ओटीटी पर भारतीय कहानी को नया आकार देती अभिनेत्रियां

Leading Actress on OTT in 2025: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने भारतीय मनोरंजन जगत की दिशा ही बदल दी है। अब अभिनेत्रियों को ऐसे किरदार निभाने का अवसर मिल रहा है, जो कई परतों के साथ बेबाकी से भरे हुए और जोखिम उठाने वाले हैं। इसके अलावा कंटेंट क्रिएटर्स की साहसी सोच और दर्शकों की नई कहानियों को अपनाने की भूख ने महिला प्रधान कथाओं को मजबूती दी है। ऐसे में 2025 में ये अभिनेत्रियाँ न सिर्फ कहानियों का नेतृत्व कर रही हैं, बल्कि डिजिटल युग में नायिका की परिभाषा भी नए सिरे से गढ़ रही हैं। तो आइए एक नज़र डालते हैं, उन अभिनेत्रियों पर, जिन्होंने अपनी बहुमुखी प्रतिभा से अभिनय के प्रति अपने निडर समर्पण को दर्शाया है।

भूमि पेडनेकर- 'द रॉयल्स'


द रॉयल्स में भूमि पेडनेकर सत्ता, वैभव और साज़िशों की दुनिया में एक संतुलित लेकिन प्रभावशाली प्रदर्शन देती हैं। उनका अभिनय संयमित तीव्रता और भावनात्मक गहराई से भरा है, जो शो की हाई-स्टेक्स कहानी को मजबूती देता है। भूमि एक बार फिर साबित करती हैं कि वह चरित्र-प्रधान और साहसी कहानियों की सबसे भरोसेमंद पसंद हैं।

हुमा कुरैशी- 'महारानी सीज़न 4'


ओटीटी पर अगर किसी किरदार ने गहरी छाप छोड़ी है, तो वह है महारानी में हुमा क़ुरैशी का प्रदर्शन। राजनीति की उथल-पुथल में फंसी एक महिला के रूप में हुमा का आत्मविश्वास, भावनात्मक समझ और सशक्त स्क्रीन प्रेज़ेंस बेमिसाल है। हर सीज़न के साथ उनके किरदार का विकास उन्हें ओटीटी की सबसे प्रभावशाली लीड अभिनेत्रियों में स्थापित करता है।

कृति खरबंदा- 'राणा नायडू सीज़न 2'


कृति खरबंदा ने अपने करियर का एक साहसी मोड़ लेते हुए राणा नायडू सीज़न 2 से ओटीटी डेब्यू किया था। अब तक नायिका प्रधान किरदार निभानेवाली कृति ने पहली बार एक डार्क और नेगेटिव शेड वाले किरदार में नज़र आकर उन्होंने अपनी छवि को पूरी तरह तोड़ा। ग्रे ज़ोन में रहकर अपने आत्मविश्वास और भावनात्मक अस्थिरता से कृति ने न सिर्फ दर्शकों और समीक्षकों को प्रभावित किया, बल्कि यह भी साबित किया कि वे किसी प्रयोग से नहीं डरतीं।

कुब्रा सैत- 'द ट्रायल सीज़न 2'


द ट्रायल सीज़न 2 में कुब्रा सैत एक बार फिर अपने जटिल और गैर-पारंपरिक किरदारों की समझ दिखाती नज़र आईं। कानूनी उलझनों, निजी संघर्ष और बदलती वफादारियों के बीच उनका अभिनय सशक्त और विश्वसनीय है। कुब्रा की सबसे बड़ी ताकत है ड्रामा को ज़मीन से जोड़कर पेश करना, और यही उन्हें ओटीटी की अहम आवाज़ बनाता है।

नुसरत भरुचा- 'छोरी 2'


हॉरर जैसे कम एक्सप्लोर किए गए जॉनर में नुसरत भरुचा का आत्मविश्वास काबिल-ए-तारीफ है। छोरी 2 में वह डर, असहायता और आंतरिक मजबूती को गहराई से उभारती हैं। लगातार प्रयोगधर्मी भूमिकाएँ चुनकर नुसरत ने खुद को ओटीटी की सबसे निडर और जोखिम उठाने वाली अभिनेत्रियों में शामिल कर लिया है।

सान्या मल्होत्रा- 'मिसेज'


मिसेज़ में सान्या मल्होत्रा यथार्थ, संयम और भावनात्मक गहराई का सुंदर संतुलन बनाती हैं। पहचान, स्त्रीत्व और आत्म-खोज जैसे विषयों को वह बेहद सादगी और प्रभाव के साथ पेश करती हैं। कम शब्दों में ज़्यादा कहने की उनकी क्षमता उन्हें स्ट्रीमिंग युग की सबसे सशक्त अभिनेत्रियों में स्थापित करती है।

शबाना आज़मी- 'डब्बा कार्टेल'


डब्बा कार्टेल में शबाना आज़मी की मौजूदगी ही कहानी की रीढ़ है। उनका अभिनय अनुभव, अधिकार और भावनात्मक वज़न से भरपूर है। शबाना आज़मी क्लासिकल भारतीय अभिनय की विरासत को आधुनिक ओटीटी की ऊर्जा से जोड़ते हुए एंसेंबल ड्रामा के लिए एक नया मानक स्थापित करती हैं।

शेफाली शाह- 'दिल्ली क्राइम सीज़न 2'


ओटीटी की सबसे प्रभावशाली ताकत बनी शेफाली शाह दिल्ली क्राइम सीज़न 2 में एक बार फिर अपने अभिनय का लोहा मनवाती हैं। डीसीपी वर्तिका चतुर्वेदी के रूप में उनकी शांत लेकिन तीव्र परफॉर्मेंस नेतृत्व, थकान, करुणा और नैतिक द्वंद्व को बेहद सूक्ष्मता से दर्शाती है। उनका अभिनय इस सीरीज़ को वैश्विक स्तर की पहचान दिलाता है और ओटीटी की आइकॉनिक परफॉर्मर के रूप में उनकी विरासत को और मज़बूत करता है।

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