Flashback: अगर खय्याम न होते तो उमराव जान न होती | Khayyam Evergreen Songs

संगीतकार खय्याम ने बॉलीवुड को 'कभी-कभी', 'दिल चीज़ क्या है', 'आंखों की मस्ती' जैसे सदाबहार नगमे दिए। उनकी धुनें आज भी दिल को छू जाती हैं। जानिए उनकी विरासत और टॉप 10 एवरग्रीन गाने।

Updated On 2025-08-18 15:52:00 IST

संगीतकार खय्याम के 10 सुपरहिट गाने 

Khayyam Evergreen Songs: बॉलीवुड में कई संगीतकार आए और चले गए, लेकिन कुछ नाम ऐसे हैं जिन्हें सिर्फ सुना नहीं जाता, बल्कि महसूस किया जाता है। उन्हीं में से एक थे मोहम्मद जहूर हाशमी उर्फ खय्याम साहब।

19 अगस्त 2019 को खय्याम ने इस दुनिया को अलविदा कहा, लेकिन अपनी धुनों के जरिए वो आज भी ज़िंदा हैं। उनका संगीत न तेज था, न शोरगुल वाला, बल्कि ऐसा असर डालता था कि सुनने वाले का दिल ठहर जाता था।

उमराव जान और खय्याम का जादू

मुजफ्फर अली की क्लासिक फिल्म ‘उमराव जान’ (1981) खय्याम की वजह से अमर हो गई।

गीत: “इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों हैं”, “दिल चीज़ क्या है”, और “जुस्तजू जिस की थी” सरीखे गीत उर्दू शायरी और क्लासिकल संगीत का बेमिसाल संगम हैं। रेखा ने भी कहा था, “अगर खय्याम न होते तो उमराव जान न होती।”

खय्याम ने इस फिल्म के लिए पूरी मेहनत से उस दौर का अध्ययन किया। राग, लिबास, बोली और माहौल को समझा। खास बात यह रही कि उन्होंने आशा भोसले को भी उनके कम्फर्ट जोन से बाहर गवाया। नतीजन, आशा भोसले और खय्याम दोनों को नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया।

खय्याम के 10 सदाबहार नगमे

1. कभी-कभी मेरे दिल में (कभी-कभी)

एक कालातीत क्लासिक, जिसमें प्रेम और संवेदना की गहराई है।

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2. इन आंखों की मस्ती (उमराव जान)

क्लासिकल और अर्ध-शास्त्रीय धुन का बेहतरीन उदाहरण।

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3. तेरे चेहरे से नज़र नहीं (कभी-कभी)

रोमांटिक अंदाज़ में गाया गया यह गीत आज भी दिल छू जाता है।

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4. दिल चीज़ क्या है (उमराव जान)

नजाकत और तहजीब से भरपूर गीत, जिसे सुनकर वक्त ठहर जाता है।

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5. मैं पल दो पल का शायर हूं (कभी-कभी)

मुकेश की आवाज़ और खय्याम की धुन- एक अमर गीत।

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6. ऐ दिल-ए-नादान (रज़िया सुल्तान)

एक गहरा और दर्दभरा गीत, जिसमें खय्याम की वर्सिटेलिटी दिखती है।

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7. दिखा दिए यूं (बाज़ार)

शायराना बोल और मोहक धुन का अनोखा संगम।

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8. फिर छिड़ी रात (बाज़ार)

गहरी भावनाओं को छूने वाला युगल गीत।

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9. हज़ार राहें (थोड़ी सी बेवफाई)

किशोर कुमार की आवाज़ और उदासी से भरी धुन।

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10. आजा रे ओ मेरे दिलबर आजा (नूरी)

रोमांटिक और मधुर गीत, जो आज भी पसंद किया जाता है।

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खय्याम: इंसानियत और दानशीलता का चेहरा

  • अपने 90वें जन्मदिन (2016) पर खय्याम ने अपनी संपत्ति का 90% हिस्सा दान कर दिया था। वो सिर्फ संगीतकार ही नहीं, बल्कि एक बड़े दिल वाले इंसान भी थे।
  • खय्याम का संगीत आज भी एवरग्रीन है।
  • अगर खय्याम न होते, तो शायद बॉलीवुड का संगीत इतना आत्मीय न होता।
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