दिग्गज प्रोड्यूसर एवीएम सरवनन का निधन: रजनीकांत ने दी भावुक श्रद्धांजलि, अंतिम दर्शन कर रो पड़े एक्टर सूर्या
तमिल सिनेमा के जाने-माने निर्माता और ए.वी.एम. स्टूडियोज़ के चीफ एवीएम सरवनन का 4 दिसंबर को निधन हो गया। उनकी अंतिम यात्रा में सुपरस्टार रजनीकांत ने उन्हें भावुक श्रद्धांजलि दी और कहा, “वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे।”
AVM Saravanan death
AVM Saravanan death: तमिल सिनेमा के सबसे प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस में से एक ए.वी.एम. स्टूडियोज़ के प्रमुख ए.वी.एम. सरवनन का आज (4 दिसंबर) सुबह निधन हो गया। उनके निधन की खबर से फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। ए.वी.एम. सरवनन के अंतिम दर्शन करने के लिए साउथ इंडस्ट्री की हस्तियां पहुंची। इस दौरान सुपरस्टार रजनीकांत ने उन्हें भावुक श्रद्धांजलि दी।
ए.वी.एम. सरवनन के अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर को ए.वी.एम. स्टूडियोज़ की तीसरी मंजिल पर रखा गया, जहां राजनीति और सिनेमा की कई प्रमुख हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचीं। इस अवसर पर सुपरस्टार रजनीकांत भी मौजूद थे।
सोशल मीडिया पर सूर्या और उनके पिता, वरिष्ठ अभिनेता शिवकुमार, की ए.वी.एम. स्टूडियोज़ में सरवनन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कई तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं। इन तस्वीरों में दोनों का दुख स्पष्ट दिखाई दे रहा है। एक तस्वीर में सूर्या सरवनन के पार्थिव शरीर के सामने हाथ जोड़कर रोते हुए नजर आए।
भावुक हुए रजनीकांत
मीडिया से बात करते हुए रजनीकांत ने अपने और सरवनन के गहरे संबंधों को साझा करते हुए कहा- “सरवनन सर ने ‘जेंटलमैन’ शब्द को जीवन दिया। वे हमेशा सफेद कपड़े पहनते थे और उनका मन भी उतना ही शुद्ध था। जब मैं मुश्किल में था, सरवनन सर पहले व्यक्ति थे जो मेरे पास आए और मेरा सपोर्नट किया। उनके साथ मैंने नौ फिल्मों में काम किया और सभी हिट रहीं। उनका साथ मेरे लिए अनमोल था।”
रजनीकांत ने आगे कहा- “सरवनन सर के कारण ही हमने अपने समय के अनुरूप बड़े प्रोजेक्ट्स किए, जैसे 1980 के दशक में 'मुरट्टुक्कलई' और 2000 के दशक में 'सिवाजी'। हम 2020 के दशक में फिर से एक फिल्म करने की योजना बना रहे थे, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। उनका जाना मेरे लिए बहुत दुखद है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करता हूं।”
ए.वी.एम. सरवनन का साउथ फिल्मों में योगदान
ए.वी.एम. स्टूडियोज़ की स्थापना ए.वी. मेयप्पन ने 1945 में की थी, और यह भारत के सबसे पुराने फिल्म स्टूडियोज़ में से एक है। मेयप्पन के निधन के बाद, उनके बेटे ए.वी.एम. सरवनन और उनके भाई एम. बालासुब्रमण्यम ने कंपनी संभाली। सरवनन ने 1980 में रजनीकांत को 'मुरट्टु कलाई' में मुख्य भूमिका देकर उन्हें सुपरस्टार बनाया।
उनके कुशल निर्देशन और निर्माण में तमिल सिनेमा की कई फिल्मों ने उच्च तकनीकी और व्यावसायिक मानक स्थापित किए। ए.वी.एम. सरवनन ने अपने समय में तमिल सिनेमा की तकनीकी गुणवत्ता और प्रोडक्शन मानकों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।