CBSE Board: क्या है OBE; सीबीएसई की परीक्षा किताब खोलकर दे सकेंगे छात्र, साल के अंत में बड़े बदलाव की तैयारी
CBSE Board: सीबीएसई 2024 के अंत में कक्षा 9 से 12 तक के लिए ओपन बुक परीक्षा (OBE) के पायलट कार्यक्रम की योजना बना रहा है। ओपन बुक परीक्षा में छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, पाठ्य पुस्तकें या अन्य अध्ययन सामग्री ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति होगी।
CBSE Board: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड(CBSE) 2024 के अंत में कक्षा 9 से 12 तक के लिए ओपन बुक परीक्षा(OBE) के पायलट कार्यक्रम की योजना बना रहा है, शुरुआत में यह सिर्फ चयनित स्कूलों में ही की जाएगी। बता दें कि 2023 में बोर्ड की आखिरी गवर्निंग बॉडी मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा गया था। हालांकि सीबीएसई के अधिकारियों ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में इसे लागू करने की योजना से इंकार किया है।
क्या है ओपन बुक परीक्षा(OBE)
ओपन-बुक परीक्षा में छात्रों को परीक्षा के दौरान अपने नोट्स, पाठ्यपुस्तकें या अन्य अध्ययन सामग्री ले जाने और उन्हें देखने की अनुमति होगी। सीबीएसई चयनित स्कूलों में ओपन बुक परीक्षा मूल्यांकन के एक पायलट कार्यक्रम पर विचार कर रहा है। जिसमें कक्षा 9 और 10 के लिए अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषयों को लक्षित किया गया है। वहीं कक्षा 11 और 12 के लिए अंग्रेजी, गणित और जीव विज्ञान विषयों को योजना का हिस्सा बनाया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक सटीक मूल्यांकन करना है।
2024 के अंत तक चयनित स्कूलों में होगा पायलट कार्यक्रम
ओपन बुक परीक्षा के पायलट कार्यक्रम पर बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह योजना राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा में की गई सिफारिशों के अनुरूप है। चयनित स्कूलों को एक पायलट कार्यक्रम से गुजरना पड़ेगा। पायलट कार्यक्रम का फोकस उच्च-स्तरीय मानसिक कौशल, अनुप्रयोग, विश्लेषण, आलोचनात्मक और रचनात्मक सोच और समस्या सुलझाने की क्षमताओं का आकलन करने पर केंद्रित होगा। ओपन बुक टेस्ट का डिजाइन, विकास और समीक्षा जून 2024 तक पूरा करने का प्रस्ताव है, स्कूलों में सामग्रियों के पायलट परीक्षण की योजना नवंबर-दिसंबर 2024 में बनाई जा रही है।
सीबीएसई ने पहले 2014-15 से 2016-17 तक तीन वर्षों के लिए कक्षा 9 और 11 की वर्ष के अंत की परीक्षाओं के लिए एक ओपन टेक्स्ट आधारित मूल्यांकन (OTBA) प्रारूप का इस्तेमाल किया था, लेकिन नकारात्मक प्रतिक्रिया के आधार पर इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सका।