BPSC Re-Exam: बीपीएससी री-एग्जाम के लिए फिर से सड़क पर उतरे सैकड़ों छात्र, खान सर ने लगाया धांधली का आरोप

BPSC Re-Exam: पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (PT) को लेकर छात्रों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। परीक्षा में कथित धांधली के विरोध में सैकड़ों अभ्यर्थी सोमवार को एक बार फिर सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया।

Updated On 2025-02-17 14:27:00 IST
खान सर के नेतृत्व में प्रदर्शन।

BPSC Re-Exam: पटना में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (PT) को लेकर छात्रों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। परीक्षा में कथित धांधली के विरोध में सैकड़ों अभ्यर्थी सोमवार को एक बार फिर सड़कों पर उतर आए और जोरदार प्रदर्शन किया। इस आंदोलन को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले चर्चित शिक्षक खान सर का भी समर्थन मिला है।

री-एग्जाम कराने की मांग तेज
गर्दनीबाग धरना स्थल पर बड़ी संख्या में छात्रों ने जुटकर परीक्षा रद्द करने और दोबारा परीक्षा आयोजित कराने की मांग उठाई। प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि परीक्षा में अनियमितताओं के स्पष्ट प्रमाण हैं, और ऐसे में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पुनर्परीक्षा आवश्यक है।

खान सर का मिला समर्थन 
शिक्षक खान सर ने प्रदर्शनकारियों के समर्थन में कहा, “हम गलत नहीं मांग रहे, सिर्फ री-एग्जाम चाहते हैं। परीक्षा में धांधली हुई है और सरकार के हित में दोबारा परीक्षा कराना जरूरी है। अगर सरकार 2025 के चुनाव में नाराजगी से बचना चाहती है, तो अधिकारियों के दबाव में आए बिना सही फैसला ले। इस बार छात्र पूरी तैयारी के साथ आए हैं।”

गुरु रहमान भी आंदोलन में शामिल
छात्रों के इस प्रदर्शन को प्रतियोगी परीक्षा विशेषज्ञ गुरु रहमान का भी समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि आज का दिन अहम है क्योंकि इस मुद्दे पर जल्द ही कोई फैसला होने की उम्मीद है। उन्होंने इसे “महाजुटान” करार दिया और बताया कि इस मामले की सुनवाई कोर्ट में भी होनी है।

सुरक्षा व्यवस्था हुई कड़ी
बढ़ते प्रदर्शन और संभावित तनाव को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है। पटना में BJP और JDU कार्यालयों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस प्रशासन हर गतिविधि पर कड़ी नजर रख रहा है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

छात्रों की मांग 
छात्रों की स्पष्ट मांग है कि परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा कराई जाए। इस विरोध प्रदर्शन से यह साफ है कि अभ्यर्थी इस बार किसी भी सूरत में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है।

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