Ansar Shaikh Success Story: 21 साल का एक IAS अफसर जिसके पिता थे ऑटो चालक, स्कूल छुड़ाने तक की आ गई थी नौबत

Ansar Shaikh Success Story: देश की सबसे कठिन भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा महज 21 साल की आयु में पास करने वाले अंसार शेख गरीबी से निकले हैं। उनके पिता अपने बेटे के अफसन बनने से पहले ऑटो चलाया करते थे।

Updated On 2024-01-16 00:09:00 IST
Ansar Shaikh Success Story

देश की सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी की परीक्षा को पास करना मुश्किल काम होता है। इसके लिए लोग महंगे कोचिंग संस्थानों में पढ़ने जाते हैं। हर साल इस परीक्षा को पास करने देश के कम से कम आठ से नौ लाख छात्रों का सपना होता है। इस परीक्षा की तैयारी में कई छात्र अपने आप को सालों झोंक देते हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी होते हैं जो पहले प्रयास में ही सफल हो जाते हैं। देश के एक ऐसे ही IAS अफसर हैं अंसार शेख। अंसार शेख बेहद ही गरीब परिवार से आते हैं। उनके पिता कभी ऑटो चलाया करते थे। 

महाराष्ट्र के जालना के रहने वाले हैं अंसार

अंसार शेख महाराष्ट्र के जालना जिले के रहने वाले हैं। अंसार ने बीते साल हुई यूपीएसएसी परीक्षा महज 21 साल की उम्र में सफलता हासिल की। उन्होंने पहली ही कोशिश में यह कठिन परीक्षा पास कर ली। अंसार बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में होशियार थे। अंसार ने बारहवीं में 91 प्रतिशत अंक हासिल किए थे। इसके बाद पुणे के फॉर्ग्यूसन कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद करीब एक साल तक कोचिंग की। आखिरकार तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद वह इस परीक्षा को पास करने में सफल हुए। 

कम उम्र में हो गई बहनों की शादी
अंसार ने 2023 में UPSC की परीक्षा में 361 वां रैंक हासिल किया था। अंसार की बचपन की कहानी बेहद संघर्ष से भरी हुई है। पिता ऑटो चालक थे, ऐसे घर में कई दिक्कतें थीं। पिता ने आर्थिक तंगी के कारण अंसार की दोनों बहनों की शादी छोटी उम्र में ही कर दी थी। अंसार के छोटे भाई को भी पढ़ाई लिखाई छोड़नी पड़ी। परिवार संभालने के लिए अंसार के छोटे भाई ने कम उम्र में ही छोटी मोटी नौकरी करनी शुरू कर दी। हालांकि, अंसार को अपनी मंजिल पता थी और वह जी जान से इसमें जुटे रहे। 

पढ़ाई छुड़ाने तक की आ गई थी नौबत
पिता की कमाई से घर का खर्च चलना मुश्किल था। ऐसे में जब अंसार स्कूल में पढ़ रहे थे तो उनके पिता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कुछ रिश्तेदारों ने अंसार के पिता को सलाह दी कि वह बेटे की पढ़ाई-लिखाई बंद करवाकर काम करने भेजें। अपने रिश्तेदारों की बात सुनकर अंसार के पिता अपने बेटे का स्कूल से नाम कटवाने चले गए थे। हालांकि शिक्षकों ने अंसार के पिता को बताया कि आपका बेटा पढ़ने में होशियार है। आप उसकी पढ़ाई जारी रखें। इसके बाद अंसार के पिता ने अपना मन बदल लिया। 

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