Gold Investment: गहने खरीदना बंद करें, सोने में निवेश करने के ये 3 और तरीके जानें, रिटर्न मिलेगा बेहतर

Gold Investment: सोने में निवेश के लिए लोग अक्सर ज्वेलरी खरीद लेते हैं लेकिन इसमें मेकिंग चार्ज, क्वालिटी और रीसेल लॉस से कमाई कम होती है। गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड ऐसे तरीके हैं, जिससे बेहतर रिटर्न मिल सकता है।

Updated On 2025-11-10 16:41:00 IST

सिर्फ ज्वेलरी ही नहीं, सोने में निवेश के और भी बेहतर तरीके हैं। 

Gold Investment: भारत में ज्यादातर लोग आज भी सोने को गहनों के रूप में ही सोचते हैं, जैसे सोने की चेन, सिक्के या फिर दूसरी तरह की ज्वेलरी लेकिन अगर आपका मकसद निवेश है, तो ज्वेलरी सबसे कमजोर रास्ता है। वजह है, इसका मेकिंग चार्ज, शुद्धता पर शंका और रीसेल के समय होने वाला नुकसान।

साल 2025 में भी औसतन 8% से 20% तक मेकिंग चार्ज लगते हैं और ज्वेलर्स खरीदते वक्त डिस्काउंट काट लेते हैं। यानी सोने का भाव बढ़े भी, तो आपकी ज्वेलरी की वैल्यू उस अनुपात में नहीं बढ़ती है।

अगर निवेश आपका लक्ष्य है, तो अब समय है समझदारी से कदम बढ़ाने का और इन तीन तरीकों से आप गोल्ड में निवेश कर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं।

गोल्ड ईटीएफ: आसान और कम खर्च वाला विकल्प

गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड आपको सोने में निवेश का सबसे साफ और सुविधाजनक तरीका देते हैं। इसमें आप डिमैट अकाउंट से वैसे ही निवेश कर सकते हैं जैसे किसी शेयर में करते हैं। इसमें मेकिंग चार्ज नहीं होता, वार्षिक खर्च बहुत कम है, और एनएसई और बीएसई पर आसानी से खरीदा-बेचा जा सकता है। आप चाहें तो हर महीने एसआईपी के जरिए थोड़ा-थोड़ा निवेश भी कर सकते हैं। युवाओं और छोटे निवेशकों के लिए यह सबसे सस्ता और भरोसेमंद विकल्प है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड: ब्याज और टैक्स बेनिफिट दोनों

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड इस समय सोने में निवेश का सबसे बेहतर तरीका है। इसमें आपको सोने की कीमत के साथ-साथ 2.5% सालाना ब्याज भी मिलता है। इसे रखने पर न तो स्टोरेज की झंझट है और न ही मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स लगता है। हालांकि, 2025 में आरबीआई ने नई किश्तें बंद की हैं, लेकिन आप इसे सेकेंडरी मार्केट से खरीद सकते हैं। अगर आप 5 से 8 साल की अवधि के लिए सोच रहे हैं, तो ये ठीक है।

गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड

जिनके पास डिमैट अकाउंट नहीं है, वे गोल्ड म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश कर सकते हैं। ये फंड्स आपके लिए गोल्ड ईटीएफ में पैसा लगाते हैं और एसआईपी की सुविधा भी देते हैं। वहीं, डिजिटल गोल्ड आपको फोनपे, पेटीएम जैसी ऐप पर 24 कैरेट सोने के छोटे हिस्से खरीदने की सुविधा देता है। आप इसे बाद में बेच सकते हैं या कॉइन के रूप में ले सकते हैं। हालांकि, लंबे समय तक रखने पर स्टोरेज चार्ज लग सकते हैं, इसलिए इसे सीमित निवेश के तौर पर रखें।

महंगाई और बाजार के उतार-चढ़ाव में सोना पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा है। लेकिन गहनों के बजाय अगर आप ईटीएफ, या बॉन्ड में निवेश करते हैं तो आपको ज्यादा बेहतर रिटर्न मिल सकता है। 

(प्रियंका कुमारी)

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