Indian economy: सितंबर में धीमी पड़ी कोर सेक्टर की रफ्तार, कोयला और क्रूड ऑयल ने लगाया ब्रेक
Indian economy: सितंबर में देश के आठ कोर सेक्टर की ग्रोथ घटकर 3 फीसदी रह गई, अगस्त में यह 6.3% थी। कोयला, क्रूड ऑयल और नेचुरल गैस उत्पादन में गिरावट की वजह से मंदी आई।
भारत के कोर सेक्टर की ग्रोथ दर सितंबर 2025 में घटकर 3 फीसदी पर आ गई।
Indian economy: भारत के आठ प्रमुख कोर सेक्टर की ग्रोथ दर सितंबर 2025 में घटकर 3 फीसदी पर आ गई है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, यह पिछले महीने अगस्त के 6.3% की तुलना में आधी से भी कम रही।
ग्रोथ में यह सुस्ती मुख्य रूप से कोयला और क्रूड ऑयल उत्पादन में गिरावट की वजह से आई है। सितंबर में क्रूड ऑयल उत्पादन 1.3% घट गया जबकि अगस्त में इसमें 2.4% की बढ़त दर्ज हुई थी। इसी तरह कोयला उत्पादन भी 1.2% घटा जबकि अगस्त में यह 11.4% की मजबूत ग्रोथ पर था।
नेचुरल गैस और रिफाइनरी सेक्टर भी कमजोर
नेचुरल गैस उत्पादन सितंबर में 3.8 फीसदी घटा जबकि अगस्त में यह 2.2% घटा था। रिफाइनरी प्रोडक्ट्स आउटपुट भी कमजोर रहा, जो 3% की बढ़त से घटकर 3.7% की गिरावट में चला गया।
स्टील और सीमेंट ने रखा दम
स्टील और सीमेंट सेक्टर ने इंडस्ट्रियल एक्टिविटी को संभाले रखा। स्टील उत्पादन में 14.1 फीसदी की जबरदस्त बढ़त दर्ज की गई, जो अगस्त के 13.6% से भी ज्यादा थी। सीमेंट उत्पादन भी 5.3% बढ़ा, जो लगभग पिछले महीने के 5.4% के बराबर रहा। बिजली उत्पादन में भी गिरावट आई, जो अगस्त के 4.1% की तुलना में सितंबर में सिर्फ 2.1% रहा। वहीं, फर्टिलाइजर सेक्टर की ग्रोथ भी घटकर 1.6% रह गई, जो पिछले महीने 4.6% थी।
इन आठ कोर सेक्टरों का देश के इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 40.27% का योगदान है। वित्त वर्ष 2025–26 की पहली छमाही में इन सेक्टरों की औसत ग्रोथ 2.9% रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में थोड़ी धीमी है।
मंत्रालय के मुताबिक, भारी बारिश और बाढ़ के कारण कोयला और बिजली उत्पादन पर असर पड़ा, जिससे कुल औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे मानसून का असर कम होगा और फेस्टिव सीजन की मांग बढ़ेगी, आने वाले महीनों में कोर सेक्टर में सुधार की उम्मीद है।
(प्रियंका कुमारी)