तीन दिवसीय एमपीसी की बैठक आज से शुरू, क्या 5 दिसंबर को सस्ती EMI का मिलेगा तोहफा?

MPC की बैठक आज यानी 3 दिसंबर से शुरू हो गयी है। तीन दिवसीय इस बैठक के फैसलों की घोषणा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा 5 दिसंबर को करेंगे।

Updated On 2025-12-03 12:47:00 IST

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रित नीति समिति की बैठक (MPC) आज यानी 3 दिसंबर से शुरू हो गयी है। तीन दिवसीय इस बैठक के फैसलों की घोषणा आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा 5 दिसंबर को करेंगे। देश की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ छह तिमाहियों में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ी है और महंगाई कम हो गई है। इस वजह से इस बात के कयास फिर से लगने लगे हैं कि क्या केंद्रीय बैंक एक फिर नीतिगत ब्याज दर में कटौती करेगा या नहीं? अर्थिक गतिविधियों में मजबूती देखने को मिली है। कीमतों पर दबाव घट रहा है। लोगों की नजरें इस बात पर लगी हैं कि अनुकूल संकेतों के बीच क्या दिसंबर की बैठक में आरबीआई एक कटौती का निर्णय लेगा या यथास्थिती बनाए रखेगा।

आर्थिक अनुमानों में बदलाव होने का अनुमान

बाजार विशेषज्ञों को उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) आगामी मौद्रिक नीति बैठक में आर्थिक अनुमानों में बदलाव करेगा। संकेत साफ हैं वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास दर का अनुमान बढ़ाया जाएगा और महंगाई का अनुमान घटाया जाएगा। यह बदलाव हाल ही में आए बेहतर GDP आंकड़ों और तेजी से कम होती महंगाई के चलते सम्भव है। सितंबर तिमाही में अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से अधिक तेजी दिखाई, जबकि अक्टूबर में महंगाई दर सिर्फ 0.25% तक गिर गई, जो इस श्रृंखला की सबसे कम रीडिंग है। सब्जियों के दाम लगातार नौ महीनों से गिर रहे हैं और GST कटौती ने भी उपभोक्ता कीमतों को नीचे लाने में मदद की है।

1.8–2% किया जा सकता है महंगाई का अनुमान  

विश्लेषकों का अनुमान है कि RBI FY26 के लिए अपनी महंगाई अनुमान को 2.6% से घटाकर लगभग 1.8–2% कर सकता है। यह बहुत बड़ा बदलाव माना जाएगा, क्योंकि यह लगातार तीसरी बार होगा जब RBI अपनी महंगाई प्रोजेक्शन नीचे कर रहा है। डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता ने कहा कि भारत में महंगाई का अनुमान लगाना कठिन है, क्योंकि CPI बास्केट में खाद्य पदार्थों का वजन बहुत अधिक है और इनके दाम में तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। फिर भी RBI यह सुनिश्चित करता है कि उसके अनुमान पक्षपात रहित हों और अर्थव्यवस्था की सुधरती परिस्थितियों को सही तरीके से दर्शाएं।

विकास दर अनुमान में भी वृद्धि की  संभावना

दूसरी ओर, विकास दर के अनुमान को RBI संभवतः 6.8% से बढ़ाकर 7% से अधिक कर सकता है। कई अर्थशास्त्री तो FY26 की GDP वृद्धि 7.5% तक पहुंचने की संभावना जता रहे हैं। GST कटौती के बाद मांग बढ़ी है, क्रेडिट ग्रोथ मजबूत है, टैक्स कलेक्शन बेहतर है, और ऑटो बिक्री तथा आयात (तेल-गोल्ड को छोड़कर) में सुधार देखा जा रहा है। हालांकि, निर्यात में कमजोरी और अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती बने हुए हैं।

इकोनॉमी की बुनियादी स्थिति मजबूत

कुल मिलाकर, RBI के इन अनुमान परिवर्तनों का मतलब है कि अर्थव्यवस्था की बुनियादी स्थिति मजबूत हो रही है और महंगाई नियंत्रण में आती दिख रही है। अगर महंगाई 2% के आसपास स्थिर रहती है, तो आगे चलकर ब्याज दर घटाने की संभावना भी बढ़ जाएगी, जिससे कर्ज सस्ता होगा और निवेश गतिविधि को और बल मिलेगा। निवेशकों और उद्योगों के लिए यह संकेत सकारात्मक है, क्योंकि मजबूत विकास और कम महंगाई का संयोजन आर्थिक स्थिरता को मजबूत करता है और बाजार को भरोसा देता है कि निकट भविष्य में परिस्थितियां और बेहतर हो सकती हैं।

(एपी सिंह की रिपोर्ट) 

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