India Gold Reserve: रिजर्व बैंक ने तेज की विदेश में रखे सोने की वापसी, अब 65% से ज्यादा सोना देश में सुरक्षित
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने विदेश में रखे 64 टन सोने को वापस लाकर देश में भंडारण बढ़ाया। अब कुल सोने का 65% हिस्सा भारत में सुरक्षित रखा गया है। यह कदम वैश्विक अस्थिरता और डॉलर निर्भरता घटाने की रणनीति का हिस्सा है।
RBI ने विदेश में रखे 64 टन सोने को वापस लाकर देश में भंडारण बढ़ाया है।
India Gold Reserve: भारतीय रिजर्व बैंक ने विदेश में रखे सोने को तेजी से वापस लाना शुरू कर दिया। अब देश के अंदर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास कुल सोने का 65% से ज्यादा हिस्सा सुरक्षित रखा गया है, जो 4 साल पहले के मुकाबले लगभग दोगुना है।
आरबीआई की ताज़ा विदेशी मुद्रा भंडार रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-सितंबर 2025) के पहले 6 महीनों में केंद्रीय बैंक ने करीब 64 टन सोना विदेश से वापस लाया है। सितंबर के अंत तक सोने का हिस्सा कुल विदेशी मुद्रा भंडार में 13.92% हो गया, जो मार्च के अंत में 11.70% था।
भारत में रिकॉर्ड 576 टन सोना
सितंबर 2025 तक आरबीआई के पास कुल 880 टन सोना है, जिसमें से 576 टन देश में सुरक्षित रखा गया है, यह अब तक का सर्वाधिक स्तर है। तुलना करें तो सितंबर 2022 में यह हिस्सा केवल 38% था।
रूस पर पाबंदियों के बाद बढ़ी सतर्कता
आरबीआई ने यह नहीं बताया कि सोने को तेजी से वापस लाने की वजह क्या है लेकिन अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम रूस के खिलाफ पाबंदियों के बाद उठाया गया है। 2022 में पश्चिमी देशों, अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस के सोने और विदेशी भंडार को फ्रीज़ कर दिया था। इसके बाद कई देशों ने अपने कीमती भंडार को घरेलू नियंत्रण में रखने की नीति अपनाई है।
इंडसइंड बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री गौरव कपूर ने कहा, 'जब हमारे पास भंडारण की क्षमता है तो सोना विदेश में क्यों रखें? अनिश्चित समय में अपने सोने पर नियंत्रण रखना समझदारी है।'
4 साल में 280 टन सोना वापस
पिछले चार वर्षों में आरबीआई ने करीब 280 टन सोना विदेश से वापस मंगाया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि आरबीआई बहुत सोच-समझकर अपने भंडार में विविधता ला रहा है।
डॉलर पर निर्भरता घटा रहा है भारत
आरबीआई न केवल सोना वापस ला रहा है, बल्कि वह दुनिया के सबसे बड़े गोल्ड खरीदारों में से एक बन चुका है। इसका उद्देश्य अमेरिकी डॉलर और उससे जुड़ी परिसंपत्तियों पर निर्भरता कम करना है। आरबीआई पिछले कुछ वर्षों से यूएस ट्रेजरी में निवेश घटा रहा है, यह प्रक्रिया तब शुरू हुई जब अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर 50 फीसदी टैरिफ लगाया था।
वर्तमान में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 702.3 अरब डॉलर है, जो दुनिया में चौथा सबसे बड़ा है और देश के 11 महीने के आयात को कवर करने के लिए काफी है।
(प्रियंका कुमारी)