बहुत जरूरी हो तभी लें पर्सनल लोन, न करें ये गलतियां नहीं तो कर्ज के जाल में फंसना तय

पर्सनल लोन की ईएमआई लोन लेते समय बेहद आसान लगती है, लेकिन समय बीतने के साथ यह बड़े तनाव का कारण बन जाती है, क्योंकि इसका ब्याज बहुत अधिक होता है। इसीलिए सबसे बड़ा सबक-सिर्फ उतना ही लोन लीजिए, जितना जरूरी हो।

Updated On 2025-11-25 11:02:00 IST

(एपी सिंह) नई दिल्ली। जब लोग पर्सनल लोन लेते हैं, तो अक्सर कुछ सामान्य गलतियां कर बैठते हैं, जिनकी वजह से वे आगे चलकर कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। इस लिए जब बहुत जरूरी हो, तभी पर्सनल लोन लें। एक ऐसा कर्ज है जो बिना किसी गारंटी के मिलता है, इसलिए इसकी ब्याज दर अधिक होता है। इस कारण इसे बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए। पर्सनल लोन तभी लें जब आपको वास्तव में इसकी जरूरत हो। उतना ही लोन लेना चाहिए, जिसे आप आसानी से भर सकें। अक्सर लोग जरूरत से ज्यादा लोन ले लेते हैं और बाद में परेशान होते है। कल्पना कीजिए, अगर किसी को 5 लाख की जरूरत है, लेकिन वह 10 लाख रुपए कर्ज ले लेता है। इस स्थिति में यह अतिरिक्त राशि बोझ बन जाती है। पर्सनल लोन लेते समय अक्सर लोग यह गलती करते हैं।

पर्सनल लोन की ईएमआई लोन लेते समय बेहद आसान लगती है, लेकिन समय बीतने के साथ यह बड़े तनाव का कारण बन जाती है, क्योंकि इसका ब्याज बहुत अधिक होता है। इसीलिए सबसे बड़ा सबक-सिर्फ उतना ही लोन लीजिए, जितना जरूरी हो।

गैर-जरूरी कामों के लिए कभी न लें लोन

दूसरी गलती यह है कि कई बार लोग एकदम गैर-जरूरी कामों के लिए लोन ले लेते हैं। पर्सनल लोन का उद्देश्य मेडिकल इमरजेंसी या किसी अत्यावश्यक खर्च को पूरा करना होता है, लेकिन कई लोग घूमने या महंगी चीजें खरीदने के लिए भी लोन ले लेते हैं। यह एक खतरनाक कदम है, क्योंकि इस तरह के शौक अस्थायी होते हैं, लेकिन ईएमआई का बोझ लंबे समय तक बना रहता है। इससे आपका वित्तीय संतुलन बिगड़ सकता है। तीसरी गलती अक्सर हम ईएमआई की सही योजना न बना करकरते हैं। लोन लेने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि हर महीने कितनी ईएमआई आएगी और क्या उसे आप अपनी आय के अनुसार संभालने की स्थिति में हैं। अगर ईएमआई अधिक है, तो लोन अवधि बढ़ाई जा सकती है, लेकिन यह फैसला लोन लेने से पहले ही लेना चाहिए।

प्रीपेमेंट न करना बहुत बड़ी गलती

ईएमआई समय पर न भरने से क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, जिससे आगे चलकर लोन लेना मुश्किल हो सकता है। एक और महत्वपूर्ण गलती है प्रीपेमेंट न करना। जब भी आपको एक साथ कुछ अतिरिक्त पैसे मिलें, तो लोन का कुछ हिस्सा प्रीपेमेंट कर देना चाहिए। भले ही बैंक इसके लिए कुछ शुल्क ले सकता है, लेकिन लंबे समय में इससे ब्याज की राशि काफी कम हो जाती है। यह कर्ज जल्दी खत्म करने में मदद करता है। कुल मिलाकर, पर्सनल लोन एक सुविधाजनक विकल्प है, लेकिन गलत निर्णय आपको कर्ज के गहरे जाल में फंसा सकते हैं। इसलिए लोन की जरूरत, राशि, ईएमआई और प्रीपेमेंट इन सभी चीजों पर पहले अच्छी तरह सोच-विचार करना जरूरी है।

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