Market New Rule: शेयर बाजार में 10 जून से NSE का नया नियम, 250 रुपए से नीचे के शेयरों पर होगा लागू

Stock Market New Rule: एनएसई ने बताया कि मई के आखिरी कारोबारी दिन के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर टिक साइज हर महीने समीक्षा और समायोजन के अधीन होगा।

Updated On 2024-05-27 17:42:00 IST
Stock Market NSE

Stock Market New Rule: भारतीय शेयर बाजार में आने वाली 10 जून से बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने 250 रुपए प्रति शेयर से कम कीमत वाले सभी शेयरों के लिए टिक साइज (Tick Size) को घटाकर एक पैसा करने का फैसला लिया है। एनएसई की ओर से यह जानकारी 24 मई को एक सर्कुलर में दी गई। टिक साइज दो लगातार बोलियों और पेशकश कीमतों के बीच के न्यूनतम मूल्य अंतर को दर्शाता है। अभी इन शेयरों के लिए 'टिक साइज' पांच पैसे है, जिसे घटाकर अब एक पैसा कर दिया जाएगा।

इन सीरीज के लिए लागू होगा नया टिक साइज

  • यह कदम बेहतर मूल्य खोज को प्रोत्साहित करने की दिशा में उठाया गया है और यह NSE और BSE के बीच प्रतिस्पर्धा को भी दर्शाता है। NSE सर्कुलर के मुताबिक, ETF को छोड़कर EQ, BE, BEZ, BO, RL और AF सीरीज के तहत सभी सिक्योरिटी में यह बदलाव लागू होगा। यह नया टिक साइज टी+1 सेटलमेंट के तहत सिक्टोरिटीज के लिए भी लागू होगा।
  • NSE ने निवेशकों को बताया है कि मई के आखिरी कारोबारी दिन के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर टिक साइज हर महीने रिव्यू और एडजस्टमेंट के अधीन होगा। इसके अलावा स्टॉक फ्यूचर्स में भी 8 जुलाई से वही टिक साइज लागू होगा, जो कैश मार्केट सेगमेंट में है। यह संशोधन सभी एक्सपायरी (नियर-मंथ, मिडल मंथ और फार-मंथ) के लिए लागू होगा।

पिछले साल BSE ने भी घटाया था टिक साइज  
उल्लेखनीय है कि पिछले साल BSE ने 100 रुपए से नीचे कारोबार करने वाले शेयरों के लिए टिक साइज पांच पैसे से घटाकर एक पैसा कर दिया था। इसके अलावा BSE ने NSE के साथ गिफ्ट सिटी आईएफएससी में अपनी यूनिट इंडिया आईएनएक्स का NSE IX के साथ विलय कैंसिल कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, दोनों स्टॉक एक्सचेंज एक साल से इस विलय पर बातचीत कर रहे थे, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका। 

क्या होता है टिक साइज और इसका क्या रोल है? 

  • फाइनेंस मार्केट में टिक साइज सबसे छोटी मूल्य वृद्धि है, जिसमें प्राइस कोट की जाती हैं। यह इस पर निर्भर करता है कि स्टॉक, बॉन्ड या फ्यूचर ऑप्शन कोट किया जा रहा है या नहीं। टिक साइस सबसे छोटी वृद्धि (Tick) है, जिसके द्वारा स्टॉक प्राइस, फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट या अन्य एक्सचेंज-ट्रेडेड इंस्ट्रूमेंट बढ़ सकते हैं।
  • एक प्रकार से अगर टिक बहुत छोटा है, तो मूल्य को बहुत अधिक प्राथमिकता दी जाती है, जिसका अर्थ है कि बाजार निर्माताओं और जनता के पास अपने ऑर्डर को पहले से पोस्ट करने के लिए कम प्रोत्साहन होगा, क्योंकि लोग अपनी कीमत बढ़ाकर उनसे आगे निकल सकते हैं। टिक बहुत बड़ा होने पर इसका उलटा होता है।

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