Byju's Worth Zero: फाउंडर रवींद्रन बोले- बायजू की वैल्यू अब जीरो; जानें देश के सबसे बड़े स्टार्टअप की बर्बादी के कारण

Byju's Worth Zero: दुनिया के 21 से अधिक देशों में मौजूदगी दर्ज करा चुकी बायजू ने कोरोनाकाल में ऑनलाइन एजुकेशन कोर्स की बदौलत खूब सुर्खियां बटोरीं। 2022 में कंपनी का वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर तक पहुंच गया।

Updated On 2024-10-18 18:58:00 IST
Byju Raveendran

Byju's Worth Zero: भारत के सबसे बड़े एडटेक स्टार्टअप बायजू (Byju's) की वर्थ यानी मूल्य अब जीरो हो गई है। कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने हाल ही में यह खुलासा किया है। बायजू कभी भारत का सबसे बड़ा स्टार्टअप था, लेकिन हाल के महीनों में कई गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। बोर्ड के सदस्यों का इस्तीफा, फाइनेंशियल रिपोर्टिंग में देरी और विदेशी निवेशकों के साथ सार्वजनिक विवाद ने कंपनी को संकट में डाल दिया है।

रवींद्रन ने बताया- आखिर क्यों और कैसे डूबा Byju's 
गुरुवार को दुबई से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए कंपनी के संस्थापक बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने कहा, "कंपनी की वैल्यू अब शून्य है। आप किस वैल्यूएशन की बात कर रहे हैं? यह जीरो है।" उन्होंने स्वीकार किया कि कंपनी ने संभावित ग्रोथ को बढ़ा-चढ़ाकर आंका और एक साथ कई बाजारों में प्रवेश करना उनकी बड़ी गलती थी। हालांकि, उन्होंने अभी कंपनी की वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है। गणितज्ञ से स्टार्टअप अरबपति बने रवींद्रन ने कहा, "कुछ भी हो, मैं इससे बाहर निकलने का रास्ता खोज लूंगा।''

Byju's को दिवालिया घोषित किया
अमेरिकी लेंडर्स (कर्जदाताओं) ने सुप्रीम कोर्ट में कंपनी पर 1 अरब डॉलर के कर्ज के दुरुपयोग की शिकायत की। बायजू रवींद्रन ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कंपनी गलत प्रबंधन के किसी भी आरोप से मुक्त है। Byju's, जो कभी ग्लोबल इन्वेस्टर्स की पसंदीदा कंपनी थी और जिसे जनरल अटलांटिक जैसे बड़े निवेशकों का समर्थन मिला, अब बोर्ड के प्रमुख सदस्यों के इस्तीफे, वित्तीय खुलासों में देरी और विदेशी निवेशकों के साथ कुप्रबंधन के विवादों से घिर गई है।

कभी 21 देशों में थी बायजू की मौजूदगी
Byju's, जो 21 से अधिक देशों में मौजूदगी दर्ज करा चुकी है, COVID-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन एजुकेशन कोर्स के चलते चर्चा में आई थी। 2022 में कंपनी का वैल्यूएशन 22 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। लेकिन हाल के महीनों में कंपनी को भारी कर्ज, अनपेड ड्यूज और मिसमैनेजमेंट के आरोपों का सामना करना पड़ा, हालांकि कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है।

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