BrahMos Missiles: चीन की घेराबंदी, फिलीपींस पहुंची अपनी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल, 2 साल पहले हुई थी 375 मिलियन डॉलर में डील

BrahMos Missiles: भारतीय वायु सेना ने फिलीपींस के मरीन कॉर्प्स को मिसाइलें पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान का इस्तेमाल किया। मिसाइलों की अनलोडिंग का वीडियो भी सामने आया है।

Updated On 2024-04-19 14:55:00 IST
BrahMos missiles

BrahMos Missiles: चीन को उसके ही दांव में भारत ने पस्त करने की रणनीति बना ली है। भारत ने फिलीपींस को ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की पहली खेप भेज दी है, जो मित्र देश तक पहुंच भी गई है। यह मिसाइलें दक्षिण चीन सागर में तैनात की जाएंगी। 2022 में दोनों देशों के बीच 375 मिलियन अमेरिकी डॉलर में डील हुई थी। इसी के साथ फिलीपींस ऐसा पहला देश है, जिसे भारत ने अत्याधुनिक ब्रह्मोस मिसाइल दी है। 

सी-17 ग्लोबमास्टर से भेजी गईं मिसाइलें
भारतीय वायु सेना ने फिलीपींस के मरीन कॉर्प्स को मिसाइलें पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान का इस्तेमाल किया। मिसाइलों की अनलोडिंग का वीडियो भी सामने आया है। ब्रह्मोस मिसाइल के लिए ग्राउंड सिस्टम पिछले महीने ही भेज दिए गए थे। 

चीन से फिलीपींस का तनाव
फिलीपींस भारत से ऐसे समय में मिसाइल सिस्टम की डिलीवरी ले रहा है, जब दक्षिण चीन सागर में लगातार झड़पों के कारण उसके और चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की तीन बैटरियों को क्षेत्र में किसी भी खतरे से बचाने के लिए फिलीपींस द्वारा अपने तटीय क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा।

सबसे तेज और सटीक मिसाइल ब्रह्मोस
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और रूसी संघ के एनपीओ मशीनोस्ट्रोयेनिया ने मिलकर ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल को बनाया है। इसे दुनिया के सबसे सफल मिसाइलों में से एक कहा जाता है। इसे ग्लोबल लेवल पर सबसे तेज और सबसे सटीक हथियार के रूप में मान्यता मिली हुई है। ब्रह्मोस ने भारत की क्षमताओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

Similar News