Health insurance: अस्पताल में भर्ती होते ही सिर्फ 3 घंटे में मिलेगा कैशलेस क्लेम, IRDAI ने सेट की टाइम लिमिट

Health insurance: हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर IRDAI ने बताया कि इमरजेंसी केस में बीमाकर्ता को कैशलेस रिक्वेस्ट पर तुरंत निर्णय लेना चाहिए।

Updated On 2024-05-30 18:20:00 IST
Health insurance

Health insurance: भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए रेगुलेटरी नॉर्मस में बड़े बदलाव किए हैं। अथॉरिटी ने पिछले 55 सर्कुलरों को निरस्त करते हुए हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स को लेकर एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है। आईआरडीएआई ने कहा कि बीमा करने वाली कंपनियां अस्पताल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के तीन घंटे के अंदर कैशलेस क्लेम को फाइनल क्लियरेंस देना होगा।

इमरजेंसी केस में तुरंत लेना होगा फैसला
IRDAI ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि इमरजेंसी केस में बीमा कंपनियों को कैशलेस रिक्वेस्ट पर तुरंत एक्शन लेना चाहिए। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनियों को 31 जुलाई तक सभी जरूरी प्रक्रियाओं को लागू करने का आदेश दिया गया है। साथ ही कंपनियां कैशलेस रिक्वेस्ट को फिजिकल मोड में निपटाने के लिए अस्पतालों में डेडिकेटेड हेल्प डेस्क भी शुरू कर सकती हैं।

क्या है कैशलेस क्लेम के लिए नई समय सीमा?
रेगुलेटर ने आदेश दिया है कि पॉलिसीधारकों को किसी भी हालत में अस्पताल से डिस्चार्ज होने के लिए इंतजार नहीं कराया जाना चाहिए। अगर 3 घंटे से ज्यादा देरी होती है, तो अस्पताल द्वारा वसूले जाने वाला एक्स्ट्रा चार्ज बीमाकर्ता को पॉलिसी होल्डर के फंड से वहन करना पड़ेगा।

IRDAI के बाकी अहम बदलाव क्या हैं?

  • अथॉरिटी ने पॉलिसीधारकों को ज्यादा ऑप्शन देने की वकालत की है। जैसे कि प्रोडक्ट्स/एड-ऑन/राइडर्स को उपलब्ध कराना। साथ ही बीमाकर्ताओं को सभी उम्र, क्षेत्रों, व्यावसायिक श्रेणियों, चिकित्सा स्थितियों/उपचारों, सभी तरह के अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए बीमा उत्पादों की पेशकश करनी चाहिए।
  • एक अन्य अहम बदलाव में बिना क्लेम के लाभ शामिल हैं। बीमा अवधि के दौरान कोई क्लेम नहीं होने पर बीमाकर्ता पॉलिसीधारकों को सम इंश्योर्ड बढ़ाने या प्रीमियम की राशि में छूट देने का ऑप्शन दे सकते हैं। साथ ही अगर पॉलिसीधारक पॉलिसी अवधि के दौरान कभी भी पॉलिसी को रद्द करने का विकल्प चुनते हैं, तो उन्हें पॉलिसी अवधि के लिए प्रीमियम की रकम वापस मिलेगी।

आईआरडीएआई के सर्वे में क्या सामने आया?
अथॉरिटी के लोकल सर्कल्स द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया कि 43% पॉलिसीधारकों को "स्वास्थ्य बीमा" क्लेम प्रोसेस कराने में परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई मामलों में पॉलिसीधारकों द्वारा बताई गई घटनाओं में मरीज के डिस्चार्ज के लिए तैयार होने के बाद कैशलेस क्लेम फाइनल होने में 10-12 घंटे लग गए। अगर वे अस्पताल में एक और दिन रुकते हैं, तो उस अतिरिक्त रात के ठहरने की लागत उन्हें स्वयं वहन करनी पड़ी।

Similar News