CPI Index: रिटेल महंगाई दर 7 माह के निचले पायदान पर, IPP में उछाल; होली से पहले बाजार को बूस्टर डोज

Consumer Price Index: सांख्यिकी मंत्रालय ने बुधवार,(12 मार्च) को रिटेल महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं। फरवरी में खुदरा महंगाई दर 2.2 फीसदी घटकर 3.79% पहुंच गई है।

Updated On 2025-03-12 19:06:00 IST
February Retail Inflation Rate

Consumer Price Index: फरवरी में रिटेल महंगाई दर सात महीने के निचले पायदान पर है। दाल-सब्जियां के दाम घटने से खुदरा महंगाई दर घटकर 3.61% पर पहुंच गई है। जुलाई 2024 में यह आंकड़ा 3.54% और जनवरी 2025 में 4.31% था। सांख्यिकी मंत्रालय ने महंगाई के आंकड़े आज (बुधवार, 12 मार्च) को जारी किए हैं। 

रिटेल महंगाई में सर्वाधिक योगदान खान-पान की वस्तुओं का होता है, लेकिन पिछले कुछ महीने से इनकी कीमतों लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिस कारण खुदरा महंगाई दर 5.97% से घटकर 3.75% हो गई। होली से पहले बाजार के लिए यह अच्छा संकेत है। इससे स्टॉक मार्केट में भी सुधार की उम्मीद है।  

गांवों में अधिक महंगाई 
सांख्यिकी मंत्रालय से जारी आंकड़ों के अनुसार, गांवों की अपेक्षा शहरों में महंगाई दर कम है। ग्रामीण क्षेत्र में रिटेल महंगाई दर 4.59% से घटकर 3.79% और शहरी क्षेत्र में 3.87% से घटकर 3.32% पहुंच गई है। 

आम आदमी और बाजार में असर 
महंगाई से न सिर्फ अर्थव्यवस्था, बल्कि आमजन की आमदानी और बचत भी प्रभावित होती है। महंगाई दर जितनी ज्यादा होगी, आय और बचत उनती कम होगी। उदाहरण के लिए महंगाई दर यदि 4 फीसदी है तो अर्जित किया गया 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 96 रुपए रह जाएगा। स्टॉक मार्केट में लगातार गिरावट की एक वजह बढ़ती महंगाई दर भी थीं। 

हेल्थ, एजुकेशन और ईंधन में महंगाई   

  • फरवरी में आवास महंगाई 2.91% है, जो जनवरी में 2.82% से थोड़ी अधिक थी।
  • ईंधन और एनर्जी महंगाई जनवरी में -1.49% की तुलना में -1.33% पर निगेटिव है। 
  • एजुकेशन में महंगाई 3.83% पर स्थिर है। लेकिन हेल्‍थ में 3.97% से बढ़कर 4.12% हो गई। 
  • परिवहन और संचार सेक्‍टर्स में महंगाई 2.87% है, गत माह जनवरी में यह 2.76% थी

इंडस्‍ट्रीज प्रोडक्‍शन में बढ़ोत्तरी 
महंगाई दरों में कमी और मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर्स के बेहतर प्रदर्शन से इंडस्‍ट्रीज प्रोडक्‍शन (IIP) में भी 5 फीसदी की वृद्धि हुई है। औद्योगिक उत्पादन जनवरी-2024 में 4.2 प्रतिशत बढ़ा था, लेकिन बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर-2024 में 3.2 फीसदी वृद्धि के अस्थायी अनुमान को संशोधित कर 3.5 प्रतिशत किया गया है। 

अब आगे क्या ? 
दाल-सब्जी कीमतों में इन दिन जबरदस्त गिरावट है, लेकिन गेहूं, चावल और तेल की कीमतों में कमी नहीं आई। एक्सपर्ट की मानें तो सब्जियों में सर्वाधिक दाम आलू-टमाटर के गिरे हैं। जून तक यही स्थिति बने रहने की संभावना है। इस दौरान गेहूं और दाल की कीमातों में भी गिरावट आ सकती है। 

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