Fixed Deposit: कैश की जरूरत है पर फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ना नहीं चाहते? ओवरड्राफ्ट है बेहतर विकल्प

Fixed Deposit Overdraft: फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने की जगह ओवरड्राफ्ट लेना कई बार सस्ता और समझदारी भरा विकल्प होता है। एफडी पर ब्याज चलता रहता है और आप सिर्फ इस्तेमाल किए गए पैसे पर ही ब्याज देते हैं।

Updated On 2025-11-19 20:09:00 IST

Fixed Deposit Overdraft scheme

Fixed Deposit Overdraft: अगर अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाए, तो ज्यादातर लोग तुरंत अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने के बारे में सोचते हैं। लेकिन ऐसा करने से न सिर्फ ब्याज कम हो जाता है, बल्कि आपकी बचत की पूरी योजना भी गड़बड़ा जाती है। ऐसे में बेहतर विकल्प है एफडी पर ओवरड्राफ्ट। ये एक ऐसा बैंकिंग फीचर है जो कम लोग इस्तेमाल करते हैं लेकिन सही वक्त पर ये आपको बड़ा फायदा दिला सकता।

फिक्स्ड डिपॉजिट के बदले ओवरड्राफ्ट में बैंक आपकी जमा राशि के 75-90% तक की लिमिट देता है। फिक्स्ड डिपॉजिट ज्यों की त्यों रहती है और ब्याज भी उसी दर पर मिलता रहता है। खास बात यह है कि ओवरड्राफ्ट की पूरी लिमिट पर नहीं, बल्कि सिर्फ उतनी राशि पर ब्याज लगता है जितना आप इस्तेमाल करते हैं।ज़्यादातर बैंकों में यह सुविधा नेट बैंकिंग या ऐप से तुरंत मिल जाती है। चूंकि FD बैंक के पास गिरवी रहती है, इसलिए क्रेडिट स्कोर चेक भी नहीं होता।

एफडी तोड़ने से बेहतर क्यों ओवरड्राफ्ट?

फिक्स्ट डिपॉजिट को मैच्योरिटी से पहले तोड़ने पर ब्याज दर कम हो जाती है और कई बार पेनल्टी भी लगती है। वहीं दूसरी ओर, ओवरड्राफ्ट में FD चलती रहती है और आप सिर्फ थोड़ा अतिरिक्त ब्याज देते हैं,आम तौर पर FD रेट से 0.5% से 2% ज्यादा।

यह खर्च किसी भी पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड बकाये से काफी कम होता है। ओवरड्राफ्ट कम अवधि की जरूरतों में सबसे अच्छा फाइनेंशियल टूल है, जैसे मेडिकल जरूरत, घर या गाड़ी की फौरन मरम्मत या कैश फ्लो की कमी।

कब नुकसान कर सकता ओवरड्राफ्ट?

अगर आपको बहुत ज्यादा पैसा चाहिए और पता है कि जल्दी वापस नहीं कर पाएंगे, तो ओवरड्राफ्ट महंगा पड़ सकता है। लंबी अवधि की जरूरतों के लिए FD तोड़ना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है।अगर FD ऑटो-रिन्यू पर है और वह ओवरड्राफ्ट से जुड़ी है, तो कई बार कम ब्याज दर वाली FD बिना सोचे-समझे लगातार चलती रहती है,यह भी नुकसान का कारण बन सकता है।

ओवरड्राफ्ट का सही उपयोग कैसे करें?

  • जरूरत पड़े तभी उपयोग करें और जल्द से जल्द चुकाने की कोशिश करें।
  • समय-समय पर आउटस्टैंडिंग बैलेंस चेक करते रहें।
  • बैंक एफडी रेट पर कितना स्प्रेड चार्ज कर रहा है, यह जरूर जानें।
  • FD पार्ट-विथड्रॉल या शॉर्ट-टर्म लोन के विकल्पों से तुलना करें।

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