2026 में IPO की बाढ़: 2.55 लाख करोड़ जुटाने के लिए शेयर बाजार में डब्यू करेंगी 192 से अधिक कंपनियां
नए साल 2026 के लिए 88 कंपनियों को आईपीओ लाने की मंजूरी मिल चुकी है, जबकि 104 कंपनियां इस समय SEBI की मंजूरी का इंतजार कर रहीं हैं।
(एपी सिंह) मुंबई। भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव भले जारी हो, लेकिन कंपनियों की आईपीओ (IPO) लाने की दौड़ थमने का नाम नहीं ले रही। नए साल 2026 के लिए लगभग 2.55 लाख करोड़ रुपए के IPO पाइपलाइन तैयार हैं। आने वाले महीनों में निवेशकों के पास बड़ी संख्या में नए निवेश अवसर होंगे, और कंपनियां बाजार से भारी मात्रा में पूंजी जुटाने की कोशिश करेंगी। पिछले दो साल IPO बाजार के लिए बेहद शानदार रहे। साल 2025 में करीब 100 कंपनियों ने रिकॉर्ड 1.77 लाख करोड़ रुपए जुटाए, जो 2007 के बाद सबसे बड़ा आंकड़ा है। 2024 में 91 कंपनियों ने 1.6 लाख करोड़ रुपए उठाए थे। यानी लगातार तीसरे साल IPO बाजार में जबरदस्त गतिविधि दिख रही है। कंपनियां इसे एक सुनहरा मौका मानते हुए तेजी से प्राथमिक बाजार की ओर बढ़ रही हैं।
2025 में ही रिकॉर्ड 244 DRHP फाइल
नए साल के लिए 88 कंपनियां पहले ही SEBI से मंजूरी ले चुकी हैं और वे लगभग 1.16 लाख करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में हैं। इसके अलावा 104 कंपनियां SEBI की मंजूरी का इंतजार कर रही हैं, जो करीब 1.4 लाख करोड़ रुपए लाना चाहती हैं। सिर्फ 2025 में ही रिकॉर्ड 244 DRHP (Draft Red Herring Prospectus) फाइल हुए, जो इस बात का संकेत है कि कंपनियां बड़े पैमाने पर शेयर बाजार का रुख कर रही हैं। IPO की इस तेजी के पीछे मुख्य कारण हैं, मजबूत निवेशक भावना, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फंड्स का अपने निवेश से बाहर निकलने की इच्छा, और भारतीय बाजार का समग्र तेजी वाला माहौल। विदेशी निवेशकों, खुदरा निवेशकों और म्यूचुअल फंड्स की लगातार मजबूत भागीदारी ने भी IPO को आकर्षक बनाये रखा, भले ही लिस्टिंग गेन सीमित रहे हों।
1.1 लाख करोड़ के शेयर OFS के जरिए बेचे
2025 में प्रोमोटर्स, प्राइवेट इक्विटी और वेंचर कैपिटल फर्मों ने 1.1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मूल्य के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचे। यह संकेत देता है कि बाजार में खरीदारों की मजबूत मांग बनी हुई है। हालांकि व्यापक बाजार विशेषकर smallcaps दबाव में हैं। लगातार दो साल की तेज तेजी के बाद अब smallcap कंपनियों में वैल्यूएशन महंगे हो चुके हैं, लिक्विडिटी कम है और कमाई की रफ्तार भी थोड़ी धीमी हुई है। विश्लेषकों का कहना है कि smallcaps पर यह दबाव 2026 तक जारी रह सकता है। इसके बावजूद IPO बाजार पर इसका असर ज्यादा नहीं पड़ेगा क्योंकि IPO में ताजा पूंजी जुटाने और निवेशकों की रुचि बनी रहती है। Axis Securities के राजेश पळवीया के अनुसार, बड़ी संख्या में नई और उभरती कंपनियां अपने व्यवसाय विस्तार, नए यूनिट लगाने और ऋण चुकाने के लिए पूंजी जुटाना चाहती हैं।
आने वाले साल में कई बड़े IPO का इंतजार
लोकल लिक्विडिटी यानी घरेलू निवेशकों के पास पैसा भरपूर है और खुदरा निवेशक भी हर IPO में जोरदार प्रतिक्रिया दे रहे हैं। यही कारण है कि छोटे से छोटे IPO को भी मजबूत सब्सक्रिप्शन मिल रहा है। आने वाले साल में कई बड़े नामों के IPO का इंतजार है-जैसे NSE, Reliance Jio, Manipal Hospitals और PhonePe, जिसने पहले ही 10,000 करोड़ रुपए का DRHP दाखिल कर दिया है। इसके अलावा Zepto, Boat, OffBusiness जैसी नई पीढ़ी की कंपनियाँ भी IPO लाने की तैयारी में हैं। कुल मिलाकर, बाज़ार में भावना सकारात्मक है, लिक्विडिटी भरपूर है और भारत की विकास कहानी पर विश्वास मजबूत है। ऐसे में नए साल में IPO बाजार एक बार फिर जोरदार प्रदर्शन करने को तैयार दिख रहा है।