RBI ने मनमानी पर लगाई रोक, कहा बैंक तुरंत ग्राहकों तक पहुंचाएं रेपो रेट में कटौती का लाभ

RBI ने बैंकों को आदेश दिया है कि वे तुरंत ग्राहकों तक रेपो रेट कटौती का लाभ पहुंचाएं। इससे होम लोन की ब्याज दरें 7.10%–8.10% तक घट गई हैं और EMI में सीधी राहत मिल रही है।

Updated On 2025-12-10 14:03:00 IST

(एपी सिंह ) मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25% की कटौती की है, जिसके बाद लोग उम्मीद कर रहे धे कि सभी बैंक अपनी ब्याज दरों को घटाकर इसका फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। लेकिन कई बैंकों ने अब तक इस कटौती को लागू नहीं किया है। इस कारण कई लोगों की EMI में अब तक कोई कमी नहीं आई है। इसी स्थिति को देखते हुए RBI ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि सभी बैंक रेपो रेट में हुई कमी का लाभ तुरंत ग्राहकों तक पहुंचाएं और मनमानी बंद करें। इस आदेश के बाद एचडीएफसी, पीएनबी, एक्सिस बैंक समेत कई प्रमुख बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर दी है।

होम लोन पर ब्याज दर 7.10% से 8.10% के बीच

नई दरों के अनुसार अब देश के बड़े बैंकों की होम लोन ब्याज दरें 7.10% से 8.10% के बीच आ गई हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा की सबसे कम दर 7.10% है, जबकि एचडीएफसी और एक्सिस बैंक की दरें 8.10% तक हैं। रेपो रेट में कमी उन लाखों कर्जदारों के लिए राहत लेकर आई है, जो ज्यादा EMI से परेशान हैं। ब्याज दरों में कटौती का सीधा असर EMI पर पड़ता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति का 40 लाख रुपए का होम लोन लिया है, तो पहले 8.15% ब्याज दर पर उसकी EMI लगभग 33,832 रुपए आती थी। अब 7.90% ब्याज दर लागू होने पर EMI घटकर 33,209 रुपए रह जाएगी। यानी उसे हर महीने 623 रुपये की बचत होगी और पूरे लोन काल में कुल लगभग 1,49,493 रुपए की बचत होगी।

रेट कट का ईएमआई पर दिखता है सीधा लाभ

यह राहत लंबे समय के होम लोन पर काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। साल 2025 में RBI ने अब तक कुल 1.25% की रेपो रेट कटौती की है। साल की शुरुआत में रेपो रेट 6.50% थी, जो अब घटकर 5.25% पर आ गई है। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में लोन को सस्ता बनाकर निवेश और खर्च को बढ़ावा देना है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों को RBI से कम लागत पर पैसा मिलता है, जिससे वे ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन देने में सक्षम होते हैं। यदि आपका होम लोन फ्लोटिंग रेट पर है, तो आपको अपने बैंक से यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपकी ब्याज दर नई रेपो रेट के अनुसार अपडेट की गई है।

EBLR से जुड़ा होना चाहिए आपका लोन

कई बार बैंक खुद से बदलाव नहीं करते, इसलिए ग्राहक को लिखित रूप से आवेदन देना जरूरी होता है। यदि आपका बैंक दरें कम नहीं कर रहा है, तो आप होम लोन बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प चुनकर दूसरे बैंक में कम ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं। इसके अलावा यदि आपको बोनस, सैलरी हाइक या कोई अतिरिक्त रकम मिलती है तो उसका कुछ हिस्सा प्री-पेमेंट के रूप में जमा कर दें, इससे ब्याज का बोझ काफी कम हो जाएगा। आपका लोन EBLR यानी External Benchmark Linked Rate से जुड़ा होना चाहिए। इससे RBI की रेट कटौती का सीधा लाभ तुरंत मिल जाता है और EMI कम हो जाती है।

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