मुसीबत के सहारा होते हैं विरासत में मिले सोने के आभूषण, जानिए क्या हैं इस पर टैक्स के नियम ?
सोने के आभूषणों को बेचने पर लगने वाले टैक्स के क्या नियम है, इस बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते। हम आपको बताएंगे।
(एपी सिंह) नई दिल्ली। हमारे आपके सभी के घरों में माता-पिता या दादा-दादी के बनवाए आभूषण होना आम बात है। मुसीबत के समय में ये आभूषण परिवारों का बड़ा सहारा बनते हैं। किसी आर्थिक संकट में या फिर अचानक आई किसी मुसीबत के लिए हमें धन की जरूरत पड़ती है, तो इन आभूषणों को बेचकर हम आसानी से अपनी जरूरतें पूरी कर सकते हैं। सोने के आभूषणों को बेचने पर लगने वाले टैक्स के क्या नियम है, इस बारे में अधिकांश लोग नहीं जानते।
दरअसल, विरासत में मिले सोने पर टैक्स का निर्धारण दो बातों पर निर्भर करता है-पहला, आभूषणों की मात्रा क्या उचित मानी जा सकती है और दूसरा, वह कितने समय तक होल्ड किए गए थे। इनसे यह तय होता है कि पूंजीगत लाभ कर लगेगा या नहीं और किस दर पर लगेगा। आपकी मां के लॉकर में मिला सोना उन्हीं का था और इसे उन्होंने अपने जीवन में धीरे-धीरे धन संग्रह कर खरीदा था या फिर प्राप्त किया, तो आमतौर पर इसमें आपको इससे कोई परेशानी नहीं होगी।
ऐसे मामलों में मुश्किल तब आती है जब आभूषणों मात्रा असामान्य रूप से ज्यादा हो और यह सिद्ध करना मुश्किल हो जाए कि व्यक्ति ने यह सोना वैध आय से खरीदा था। जहां तक टैक्स का सवाल है, अगर आपकी और आपकी मां की संयुक्त होल्डिंग अवधि 24 माह से अधिक की है, तो यह सोना एक दीर्घकालिक पूंजीगत संपत्ति (long-term capital asset) माना जाएगा। इसे बेचने पर आपको 12.5 प्रतिशत की दर से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होगा।
टैक्स की गणना इस तरह होगी-आपकी मां ने जब इसे खरीदा था उसका मूल्य और आज जिस कीमत पर आप बेच रहे हैं उसके अंतर पर टैक्स लगेगा। अगर सोना 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदा गया, तो उस तारीख का मार्केट वैल्यू आपके लिए खरीद मूल्य माना जा सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि आप आयकर विभाग के अधिकारी को यह साबित नहीं कर पाते कि आपकी मां ने यह आभूषण वाजिब तरीके से अपने जीवन में अर्जित किए थे, तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
ऐसी स्थिति में यह संदेह हो सकता है कि यह सोना ब्लैक मनी से खरीदा गया है और इसे सफेद करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे मामलों में 60 प्रतिशत तक का टैक्स के साथ सरचार्ज, सेस और ब्याज वसूला जा सकता है। इतना ही नहीं, आपके खिलाफ पेनल्टी की कार्रवाई भी शुरू हो सकती है। इसलिए, यदि सोना वास्तव में विरासत में मिला है और उसकी मात्रा परिवार की स्थिति और आय के हिसाब से उपयुक्त है, तो किसी भी तरह की टैक्स से जुड़ी समस्या नहीं आती। लेकिन इसे ब्लैक मनी को सफेद बनाने के साधन के रूप में इस्तेमाल करना जोखिम भरा है