इंदौर से हार्वर्ड तक: जेड ब्लैक अगरबत्ती की सुगंध से महका वैश्विक बाजार, अब बनी केस स्टडी

एमएस धोनी समर्थित जेड ब्लैक अगरबत्ती अब हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में केस स्टडी बनी है। इंदौर के गैराज से शुरू हुआ यह व्यवसाय अब 45 देशों में पहुंचा है।

By :  Desk
Updated On 2025-07-16 18:10:00 IST

इंदौर से हार्वर्ड तक: एमडीपीएच की जेड ब्लैक अगरबत्ती बनी वैश्विक केस स्टडी

Success Business Idea : इंदौर में एक छोटे गैराज से शुरू हुआ अगरबत्ती का पारंपरिक व्यवसाय आज 45 देशों में अपनी सफलता की खुशबू बिखेर रहा है। क्रिकेट के ‘कैप्टन कूल’ एम.एस. धोनी भी इसके मुरीद है। बात कर रहे हैं ब्रांड 'जेड ब्लैक' जो अब हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में केस स्टडी बन गया है। 'जेड ब्लैक' की मूल कंपनी मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (MDPH) को 2027 तक 1,000 करोड़ के टर्नओवर के लक्ष्य के लिए आदर्श विकास मॉडल के रूप में सराहा गया है।

हार्वर्ड से कैसे मिली वैश्विक मान्यता?

SP जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च की प्रो. तुलसी जयकुमार द्वारा लिखित केस स्टडी को हार्वर्ड के अलावा Fashion Institute of Technology न्यूयॉर्क जैसे संस्थानों में भी पढ़ाया जा रहा है। तुलसी जयकुमार ने बताया कि कैसे एक पारंपरिक परिवारिक व्यवसाय ने नवाचार, स्पष्ट उद्देश्य और वैश्विक दृष्टिकोण से खुद को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड में बदला है।

एक गैराज से 3.5 करोड़ अगरबत्तियों तक की यात्रा

MDPH की स्थापना 1990 के दशक में प्रकाश अग्रवाल ने की थी, लेकिन आज यह कंपनी 9.4 लाख वर्गफुट क्षेत्रफल में फैक्ट्री संचालित करती है। साथ ही प्रतिदिन 3.5 करोड़ अगरबत्तियां बनाती है। ब्रांड ‘जेड ब्लैक’ की 15 लाख पैकेट्स प्रतिदिन बिकते हैं। 4,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से 80% महिला कर्मचारी हैं।

ब्रांड की वैश्विक पहुंच और नवाचार

जेड ब्लैक, मंथन धूप, ऑरवा (AURVA) और समर्पण इसके प्रमुख ब्रांड हैं। इस कंपनी ने चारकोल-फ्री, बांस रहित अगरबत्तियों, प्रीमियम धूप स्टिक्स और डायरेक्ट-टू-कंज़्युमर प्लेटफॉर्म ‘ऑरवा’ के ज़रिए सुगंध उद्योग में नया आयाम जोड़ा है।

क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी पिछले 8 साल से इस ब्रांड को प्रमोट कर रहे हैं। वहीं, बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन मंथन धूप को रीब्रांड कर युवा वर्ग को टारगेट किया है।

हमारी सोच खुशबू से जुड़ी है: अंकित अग्रवाल

जेड ब्लैक के डायरेक्टर अंकित अग्रवाल ने कहा, हमारा सफर केवल व्यापार नहीं, भारतीय रीति-रिवाजों और भावनाओं से जुड़ा है। हर बाजार की पसंद को ध्यान में रखकर हमने सुगंधों की श्रृंखला विकसित की है।

3,000 से अधिक महिलाओं को मिला रोजगार

डायरेक्टर (ऑपरेशंस व HR) अंशुल अग्रवाल ने बताया कि हमारी कंपनी MDPH ने 3,000 से अधिक महिलाओं को सशक्त किया है। यह केवल उत्पादन नहीं, बल्कि समाजसेवा की भावना से जुड़ा व्यवसाय है। डिजिटल रणनीति की मदद से कंपनी नए बाजारों में तेजी से विस्तार कर रही है।

परिवार और परंपरा से जुड़ा ब्रांड

प्रकाश अग्रवाल ने 1992 में इस अगरबत्ती उद्योग की नींव रखी थी। शुरुआत में वह इंदौर के एक छोटे से गैराज में सुगंधित अगरबत्तियों का निर्माण करते थे। कई व्यापारों में असफलता मिलने के बाद उन्होंने यह कारोबार अपनी मां मोहिनी देवी के कहने पर शुरू किया था। भाई श्याम और राजकुमार अग्रवाल ने भी भरपूर सहयोग दिया।

अंकित और अंशुल ने दी नई उंचाइयां 

प्रकाश अग्रवाल के बेटे अंकित अग्रवाल (MBA) और अंशुल अग्रवाल (IIT दिल्ली) ने अब इस कारोबार को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। कंपनी की सुगंध चयन और विकास की जिम्मेदारी मां अमिता अग्रवाल संभालती हैं।

ब्रांड नाम जेड ब्लैक ही क्यों रखा?

प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर किसी देवी-देवता के नाम पर ब्रांड नहीं रखा। ताकि, इस्तेमाल के बाद फेंकते समय धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। इसी सोच के तहत ‘जेड ब्लैक’ जैसा नाम चुना गया, जिसे हर वर्ग के ग्राहक अपनाएं और पहचान सकें।

जेड ब्लैक अगरबत्ती की कीमत क्या है?

अगरबत्ती की कीमत ₹5 से लेकर ₹350 तक है, ताकि हर वर्ग के उपभोक्ता इसे खरीद सके। कंपनी का उत्पादन केंद्र देवास, शिप्रा, मांगलिया, सांवेर रोड जैसे इलाकों में फैला हुआ है, जहां बड़ी संख्या में महिलाएं कार्यरत हैं।

Tags:    

Similar News