Retail Inflation: खुदरा महंगाई दर अगस्त में बढ़कर 2.07%, खाने-पीने की चीजों ने बढ़ाई चिंता
Retail Inflation:खुदरा महंगाई अगस्त में बढ़कर 2.07% पर पहुंची। सब्जियों और टमाटर की कीमतों ने इस पर असर डाला है।
भारत में खुदरा महंगाई दर में अगस्त में इजाफा हुआ है।
Retail Inflation: भारत में खुदरा महंगाई दर में अगस्त में हल्की बढ़त दर्ज हुई। जुलाई में यह दर 8 साल के निचले स्तर 1.55% पर थी, लेकिन अगस्त में यह बढ़कर 2.07% हो गई।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, सीपीआई आधारित महंगाई दर में यह इजाफा मुख्य रूप से खाने-पीने की चीजों और कुछ कोर आइटम्स की कीमतों की वजह से हुआ है। हालांकि यह अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक के 4 फीसदी के लक्ष्य से काफी नीचे है।
खाद्य पदार्थों की कीमतों से बढ़ी महंगाई
खाने-पीने की चीजों में सबसे ज्यादा असर सब्जियों और टमाटर की कीमतों में आया बदलाव का रहा। सब्जियों की कीमतों में जुलाई में 20.7% की गिरावट आई थीलेकिन अगस्त में यह घटकर 15.9 फीसदी रही। वहीं, टमाटर के दाम 16% बढ़ गएजबकि जुलाई में इसमें 34.1 फीसगदी की गिरावट देखी गई।
कोर महंगाई अभी स्थिर
कोर इंफ्लेशन,जिसमें खाने-पीने और ईंधन जैसी अस्थिर चीजें शामिल नहीं होतीं, अगस्त में 4.1% पर स्थिर रही।
सेक्टरवार महंगाई दर कैसी रही?
- अनाज: अगस्त में 2.7%, जुलाई में 3.3%
- मांस और मछली: अगस्त में 1.5% की बढ़त, जुलाई में -0.6%
- दूध और डेयरी उत्पाद: अगस्त में 2.6%, जुलाई में 2.7%
- कपड़े और जूते: अगस्त में 2.3 फीसदी, जुलाई में 2.5%
- हाउसिंग: अगस्त में 3.2%, जुलाई में 3.1%
- फ्यूल और लाइट: अगस्त में 2.4%, जुलाई में 2.7%
अर्थशास्त्रियों की राय
कोटक महिंद्रा बैंक की चीफ इकनॉमिस्ट उपासना भारद्वाज का कहना है कि अगस्त का सीपीआई डेटा उम्मीदों के मुताबिक है और महंगाई का रुझान फिलहाल काबू में दिख रहा। उन्होंने कहा, 'अगली मौद्रिक नीति में आरबीआई के रुकने की संभावना है। हालांकि दिसंबर से 25-50 बेसिस पॉइंट की दर कटौती संभव है।'
महंगाई बढ़ने के मायने?
जुलाई से अगस्त के बीच महंगाई में थोड़ी तेजी आई है लेकिन यह अभी भी कंट्रोल में है। खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से आम लोगों की जेब पर असर पड़ सकता है लेकिन केंद्रीय बैंक के लिए यह स्तर अभी खतरे की घंटी नहीं है।
(प्रियंका कुमारी)